परमार्थ निकेतन में विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं ने की चर्चा
प्रदूषण मुक्त भारत के भविष्य के निर्माण पर हुई चर्चा
देश को महाभारत नहीं महान भारत बनायें : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
ऋषिकेश । परमार्थ निकेतन में पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण मुक्त भविष्य के निर्माण हेतु विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं ने संगठित होकर संयुक्त प्रयास करने की अपील की।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पूर्व जत्थेदार अकाल तख्त साहब सरदार श्री ज्ञानी गुरूबचन सिंह जी, अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डाॅ उमर अहमद इलियासी जी, मौलाना कोकब मुस्तफा जी एवं अन्य सिख और मुस्लिम धर्मगुरूाओं ने मिलकर परमार्थ निकेतन में जल संरक्षण हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया तथा सभी ने एक स्वर में जल और पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि यही संगम है इस देश का जिस तरह से नदियां मिलकर चलती है और महासागर बन जाती है उसी तरह इस देश में भी हम सभी धर्म, जाति-पाति के बन्धनांे को तोड़कर, छोटी-छोटी दीवारों को तोड़ते हुये तथा छोटी-बड़ी बातों की दरारों को भरते हुये एक महासंगम बनाकर इस देश को एक महान भारत बनायें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू एक साथ संगठित होकर जल, जंगल और जमीन को प्रदूषण मुक्त करने के लिये अपना योगदान दे तो विश्व स्तर पर जल और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक विलक्षण क्रान्ति हो सकती है तथा इससे धर्म के नाम पर जो भेद व्याप्त है वह भी समाप्त हो जायेगा जिससे भावी पीढ़ियों को एक सुखद भविष्य प्राप्त हो सकता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू एक साथ संगठित होकर जल, जंगल और जमीन को प्रदूषण मुक्त करने के लिये अपना योगदान दे तो विश्व स्तर पर जल और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक विलक्षण क्रान्ति हो सकती है तथा इससे धर्म के नाम पर जो भेद व्याप्त है वह भी समाप्त हो जायेगा जिससे भावी पीढ़ियों को एक सुखद भविष्य प्राप्त हो सकता है।