कैंसर एवं अन्य लाइलाज बीमारियों के लिए पेलिएटिव केयर एक वरदान : एम्स निदेशक

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मरीजों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखता है पेलिएटिव केयर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में भारतीय पेलिएटिव केयर सोसायटी की ओर से संचालित तृतीय सर्टिफिकेट कोर्स कार्यक्रम में चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को पेलिएटिव केयर का प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में एम्स व उत्तराखंड के विभिन्न राजकीय अस्पतालों के करीब 46 चिकित्सक व स्टाफ नर्स ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि कैंसर एवं अन्य लाइलाज बीमारियों के लिए पेलिएटिव केयर एक वरदान है।

निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि जब कैंसर और अन्य लाइलाज बीमारियों के मरीजों पर दवाओं का बहुत अधिक प्रभाव नहीं रह जाता, तब उन्हें पेलिएटिव केयर की नितांत आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि पेलिएटिव केयर का मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखना है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि इसी के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पेलिएटिव केयर को बढ़ावा देने के लिए नेशनल हेल्थ प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है। जिसके तहत प्रत्येक राज्य के राजकीय अस्पतालों के चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को पेलिएटिव केयर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि पेलिएटिव केयर की सुविधा प्रदान करने के लिए संस्थान उत्तराखंड में नोडल सेंटर के तौर पर कार्य कर रहा है और राज्य के हर हिस्से से आने वाले कैंसर एवं अन्य गंभीर व लाइलाज बीमारियों के मरीजों को पेलिएटिव केयर की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए संस्थान में बाकायदा मंगलवार व शुक्रवार को पेलिएटिव केयर की ओपीडी संचालित की जा रही है।

एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि जिस तरह से वर्तमान समय में लाइलाज बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में पेलिएटिव केयर प्रशिक्षित चिकित्सक व नर्सेस की नितांत आवश्यकता है।

इस मौके पर एम्स दिल्ली की प्रो.सुषमा भटनागर ने बतौर नेशनल फेकल्टी पहले दिन चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि पेन व पेलिएटिव केयर में मार्फिन दवा संबंधित मरीज के लिए रामवाण का काम करती है। उन्होंने इस दवा की खरीद, रखरखाव व वितरण की विस्तृत जानकारी दी।

संस्थान के डीन स्टूडेंट्स वैलफेयर प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने पेलिएटिव केयर सर्टिफिकेट कोर्स के महत्व पर विस्तृत चर्चा की, उन्होंने बताया कि संस्थान में इस कोर्स का संचालन नियमिततौर पर किया जा रहा है। जिससे राज्य के सभी डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ मरीजों को पेलिएटिव केयर के लिए दक्ष हो सके।

इस अवसर पर कार्यशाला में डा. महेंद्र सिंह, डा. योगेश,डा. अमित गुप्ता, डा. वसंता कल्याणी, डा. अदिति, डा.स्वीटी गुप्ता ने प्रतिभागी चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित किया।