पतंजलि अनुसंधान संस्थान की गतिविधियों से भविष्य के प्रति आशावादीः उपप्रधानमंत्री नेपाल

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हमारा चिन्तन, जीवन प्रणाली, संस्कृति व पहचान हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों की देन : उपेन्द्र यादव

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

हरिद्वार। नेपाल के उप-प्रधानमंत्री उपेन्द्र यादव ने कहा कि नेपाल व भारत कहने के लिए दो अलग राष्ट्र हैं किन्तु दोनों में काफी समानता है। हमारे पूर्वज भी एक ही हैं। नेपाल एक माँ है, तो भारत दूसरी माँ है तथा हम सब इनकी सन्तान हैं। उन्होंने कहा कि भौगोलक समानताओं के साथ-साथ भारत व नेपाल प्राचीन संस्कृति, सभ्यता, पहनावा, दोनों राष्ट्रों के महान् व्यक्तित्वों व नदियों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। हमारा चिन्तन, जीवन प्रणाली, संस्कृति व पहचान हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों की देन है।  

सम्बोधन से पूर्व नेपाल के उप प्रधानमंत्री उपेन्द्र यादव के सम्मान में पतंजलि योगपीठ स्थित आयुर्वेद भवन के सभागार में एक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। साथ ही पतंजलि के स्वदेशी अभियान तथा शिक्षा व्यवस्था को दृढ़ता प्रदान करने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय की परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया। स्वागत समरोह की शुरुआत प्रातःकालीन यज्ञ से हुई। इसके पश्चात् कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए नेपाल के उप प्रधानमंत्री उपेन्द्र यादव कार्यक्रम को सम्बोधित किया।  

इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि नेपाल व भारत को मित्रता व एकता विरासत में मिली है। दोनों राष्ट्रों के पूर्वजों व उनकी धार्मिक व सांस्कृतिक एकता की विरासत को प्रणाम। दोनों राष्ट्र पूर्ण सद्भाव व संपूर्ण एकता के साथ प्रगति के सौपान चढ़ रहे हैं। आशा है कि वर्तमान नेपाल सरकार, उप-प्रधानमंत्री उपेन्द्र यादव के नेतृत्व में नेपाल राष्ट्र को उस ऊँचाई पर लेकर जाएगी जहाँ नेपाल की 3 करोड़ जनसंख्या उसे देखना चाहती है।

इस अवसर पर ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने पतंजलि की शैक्षणिक सेवाओं को सुदृढ़ स्वरूप प्रदान करने हेतु पतंजलि विश्वविद्यालय की नवगठित  परामर्शदात्री समिति से परिचय कराया। उन्होंने बताया कि समिति के अध्यक्ष पद पर जी.बी. पंत कृषि विश्वविद्यालय, पतंनगर, नैनीताल के भूतपूर्व कुलपति डॉ. पी.एल. गौतम को चयनित किया गया है।

कार्यक्रम में साध्वी देवप्रिया, मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन, पतंजलि योगपीठ-नेपाल के मुख्य कार्यकर्ता शालीग्राम, ड्रग डिस्कवरी एण्ड डवलपमेंट डिविजन के उपाध्यक्ष डॉ. अनुराग वार्ष्णेय तथा पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, वैदिक गुरुकुलम् तथा वैदिक कन्या गुरुकुलम् के समस्त अधिकारीगण, प्राध्यापक, आचार्य, गैर-शैक्षणिक कर्मचारीगण व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।