शराब की दुकान का विरोध कर रहे ग्रामीणों से एसडीएम ने दिखाई दबंगई वीडियो हुआ वायरल !

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  • बुजुर्ग महिला बोली यहाँ तो आपका ही राज है,आपके पास तो पावर है!
  • जब ग्रामीणों को एसडीम ने बुरी तरह दुत्कारा! 
  • रिसोर्ट मालिकों के दबाव में तो नहीं खोला जा रहा शराब का ठेका!

राजेन्द्र जोशी 

देहरादून :  उत्तराखंड में तैनात अधिकारी सड़क, पानी, शिक्षा और चिकित्सालय खुलवाने में  जहाँ अपने को असहाय बताते नहीं थकते हैं वहीँ यहाँ तैनात अधिकारी शराब की दुकान खुलवाने के लिए कितने आतुर नज़र आते हैं इस वीडियो मैं आप लोग देख सकते हैं। मामला  ऋषिकेश के पास स्थित यमकेश्वर विकास खंड के मोहनचट्टी में शराब की दुकान खोले जाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों का है जो पिछले कई हफ़्तों से इलाके में शराब के ठेके का विरोध कर रहे हैं। चर्चा है कि जिला प्रशासन पर गरुड़ चट्टी से लेकर मोहनचट्टी तक बनाये गए तमाम वैध और अवैध रिसॉर्ट्स के मालिकों का शराब के ठेके को खुलवाने का भारी दबाव है क्योंकि यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए इन्हे जहाँ रायवाला, शिवपुरी या रानीपोखरी जाना पड़ता है। यही कारण है जिला प्रशासन के आला अधिकारी यहाँ गांववालों के विरोध को दरकिनार कर शराब के ठेके को खुलवाने पर आमादा हैं।   

वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि एसडीएम लैंसडौन जिनके पास वर्तमान में यमकेश्वर के एसडीएम का चार्ज भी है कमलेश मेहता ग्रामीणों को  किस तरह धमका रहे हैं। वीडियो में एसडीएम वहां के प्रधान को यह कहते साफ़ सुनाई दे रहे हैं कि हो गयी तुम्हारी नेतागिरी अब कोई दुसरा मुद्दा खोजो जब ग्रामीण कुछ बोलने की हिम्मत करता है तो एसडीएम उसे दुत्कारते हुए कहता है अरे चुप्प ?  तू नेता है यहाँ का क्या ? इतने में एक महिला आगे बढ़ती है वो उसको भी किनारे भगा देता है।  कहता है आज शराब की दुकान तो यहीं खुलेगी यदि नहीं माने तो पीएसी बुलाकर सबको बंद करवा दूंगा। एसडीएम कहते हैं मै तुमको चुनौती देता हूँ पीएसी लगा दो यहाँ ! इतने में एक बुजुर्ग महिला हाथ जोड़ते हुए कहती है कि यहाँ तो आपका ही राज है,आपके पास तो पावर है। 

अब इस बातचीत के अंश को आप भी ध्यान से सुनिए और देखिये यह एसडीएम उस राज्य के दो -दो उपखंडों का अधिकारी है जो शराब की दुकान खुलवाने के लिए कितना आतुर सा नज़र आ रहा है लेकिन वहीँ  उसके इसी उपखण्ड में कितनी सड़कें बरसात के कारण बंद है उसे उसकी चिंता नहीं , कितने स्कूलों में अध्यापक नहीं उसे उसकी भी चिंता नहीं इन स्कूलों में छात्र पढ़ने भी आ रहे होंगे या नहीं उसे उसकी भी चिंता नहीं। इनके उपखण्ड के कितने  चिकित्सालयों में डॉक्टर हैं उसको इसकी भी परवाह नहीं ,वहां दवा भी है नहीं उसको परवाह नहीं!  कितने गांवों से लोग सुविधाओं के अभाव में पलायन करने को मज़बूर हैं इनकी भी उन्हें कोई चिंता नहीं !

चिंता है तो सिर्फ शराब की दुकान खुलवाने की इसके लिए कितने लोगों के घर बर्बाद होंगे उसकी भी चिंता नहीं। उनके घरों में रात का चूल्हा जलता भी होगा या नहीं उसकी भी परवाह नहीं !परवाह है तो सिर्फ शराब उस बंद दुकान की और उस शराब व्यवसायी की।  जिसका ग्रामीण इस चिंता को लेकर  विरोध कर रहे हैं कि कहीं दुकान के खुलने के बाद उनके पति और बच्चे शराबी न हो जायँ और उनका जीवन नर्क न बन जाय ! लेकिन एसडीएम साहब को केवल एक चिंता है वह है शराब के दुकान को खुलवाने की जिससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा और एसडीएम साहब को दुकान खुलवाने पर जो तमगा मिलेगा उसकी !