तो नेता दो-दो जगहों से एक साथ चुनाव नहीं लड़ पाएंगे !

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नयी दिल्ली : यदि चुनाव आयोग की ”एक उम्मीदवार – एक सीट ” याचिका पर देश के उच्चतम न्यायालय ने बात मान ली तो दो-दो स्थानों से एक साथ चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर अंकुश लग जाएगा।  मामले में बुधवार को एक उम्मीदवार के दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति संबंधी प्रावधानों के खिलाफ चुनाव आयोग की याचिका का पर जहां सुप्रीम कोर्ट ने समर्थन किया। वहीं शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार से अपनी राय देने को कहा है।

मामले में उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा, ‘हमने एटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से इस मामले में सहयोग मांगा है। उन्होंने सहयोग के लिए सहमति जतायी है, लेकिन याचिका के जवाब के लिए कुछ समय मांगा है।’

न्यायमूर्ति मिश्रा ने श्री वेणुगोपाल का अनुरोध स्वीकार करते हुए कहा, ‘समय दिया जाता है। मामले को अगली सुनवाई के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में सूचीबद्ध किया जाये।’  इस बीच निवार्चन आयोग ने हलफनामा दायर करके याचिकाकर्ता की उस दलील का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि एक उम्मीदवार के एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने संबंधी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान अनुचित हैं और इसे खत्म किया जाना चाहिए।

आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि उम्मीदवारों को एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए, क्योंकि इससे सरकारी राजस्व पर अनावश्यक बोझ बढ़ता है।  हलफनामा में आयोग ने यह भी कहा है कि यदि कोई उम्मीदवार दोनों सीट जीतने के बाद एक सीट खाली करता है तो उससे दूसरे सीट के उपचुनाव पर आने वाला खर्च वसूला जाना चाहिए।