एक बार फिर मोदी सरकार, सभी राज्यों में जय जयकार

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  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ

  • राजनाथ सिंह, अमित शाह ने भी ली मंत्री पद की शपथ

  • उत्तराखंड के डॉ. रमेश पोखरियाल को मिली मोदी मंत्रिमंडल में जगह 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्‍ली । नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सायं  राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में दूसरी बार  प्रधान मंत्री पद शपथ ली। प्रधानमंत्री मोदी के बाद 57 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जेडीयू को मोदी कैबिनेट में  नहीं शामिल किया गया है जबकि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को भी इस बार मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है। मोदी को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ  लेते हुए उनकी माँ हीराबेन ने ख़ुशी जताई है उन्होंने अपने घर से ही टीवी पर शपथग्रहण समारोह देखा।

 ‘मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी… ईश्वर की शपथ लेता हूं कि… मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता का अक्षुण्ण रखूंगा। मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा।

”मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी ईश्वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को तबके सिवाय, जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद राजनाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह को इस बार फिर गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजनाथ सिंह के बाद अब तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाते आए अमित शाह ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार की मुख्य धारा में आए शाह वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सबसे करीबी भाजपा नेताओं में से एक नितिन गडकरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। नितिन गडकरी के बाद सदानंद गौड़ा ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले वह सरकार में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे। 

भाजपा की पिछली सरकार में रक्षा मंत्रालय जैसा अहम पद संभालने वाली निर्मला सीतारमण ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस बार भी उन्हें रक्षा मंत्री के पद पर ही रखेंगे।  

एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, इस बार वह चुनाव नहीं लड़े थे। पासवान पिछली सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के कैबिनेट मंत्री थे।  भारत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, पंचायती राज और खान मंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। तोमर ने इस बार मुरैना लोकसभा सीट से कांग्रेस के रामनिवास रावत को 1.13 लाख वोटों से हराया। पिछली बार उन्होंने सिंधिया राजघराने के प्रभाव वाली सीट से जीत का परचम लहराया था और मोदी सरकार में मंत्री बने थे। वह ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, खनन मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे। 

पूर्व कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। प्रसाद पहले भी मोदी सरकार में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पिछली भाजपा सरकार में केंद्रीय कैबिनेट खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी जीत दर्ज की थी। पिछली सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने मंत्री पद की शपथ ली। अनुसूचित जातियों के लिये भाजपा के सबसे उल्लेखनीय नेता थावर चंद मध्य प्रदेश के शाजापुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पूर्व विदेश सचिव सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमेश पोखरियाल मे मंत्री पद की शपथ ली। उत्तराखंड के अलावा वह उत्तर प्रदेश सरकार में भी कई मंत्री पद संभाल चुके हैं। उन्होंने हरिद्वार लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और खूंटी के सांसद अर्जुन मुंडा ने शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली।  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके घर अमेठी में हराने वाली स्मृति ईरानी ने मंत्री पद की शपथ ली। बीते समय में ईरानी ने पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत की है। माना जा रहा है कि उन्हें महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है। 

दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से जीतने वाले डॉ. हर्षवर्द्धन ने मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

पिछली सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर ने शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली। 

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके नकवी भाजपा के पहले मुस्लिम सांसद थे। 

कर्नाटक से 4 बार सांसद रहे प्रह्लाद जोशी ने मंत्री पद की शपथ ली। जोशी ने कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। 

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने उत्तर प्रदेश की चंदौली लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर 21 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था। डॉ. महेंद्र नाथ ने मंत्री पद की शपथ ली। 

शिवसेना से सांसद अरविंद सावंत ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मंत्री पद की शपथ ली। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बताया था कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से अरविंद सावंत का नाम आगे किया गया है।

बिहार की बेगूसराय सीट से जीतने वाले गिरिराज सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। 2014 में पहली बार सांसद बने गिरिराज भूमिहार समुदाय के बड़े नेता है। पिछली सरकार में वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री का पद संभाल रहे थे।  

पिछली सरकार में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रहे गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। शेखावत ने मंत्री पद की शपथ ली। 

1989 में पहली बार सांसद बने संतोष गंगवार ने राज्य मंत्री की शपथ ली। पिछली सरकार में गंगवार श्रम रोजगार राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे। 2019 में वह 8वीं बार बरेली से सांसद चुने गए। 

पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुके इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम से सांसद हैं। उन्होंने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। साल 2013 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। 

श्रीपाद नायक ने उत्तर गोवा लोकसभा सीट से लगातार पांचवी जीत दर्ज की है। अटल सरकार में भी राज्य मंत्री और पिछली सरकार में आयुष राज्य मंत्री नायक ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली।  

पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे जीतेद्र सिंह ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। जम्मू-कश्मीर की उधमपुर सीट से जीते जीतेंद्र सिंह पेशे से डॉक्टर हैं और पीएम मोदी के भरोसेमंद माने जाते हैं। पिछली सरकार में भी उन्होंने राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी। 

अरुणाचल वेस्ट लोकसभा सीट से जीतने वाले किरण रिजिजू ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। 

मध्यप्रदेश की दमोह लोकसभा सीट से सांसद प्रह्लाद उमा भारती के करीबी माने जाते हैं। पिछले 30 साल से राजनीति में सक्रिय पटेल ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। अटल सरकार में वह कोयला राज्य मंत्री रह चुके हैं। 

बिहार की आरा सीट से जीतने वाले आरके सिंह देश के गृह सचिव रह चुके हैं। पिछली सरकार में बिजली मंत्री की भूमिका निभाने वाले आरके सिंह ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। सिंह दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे हैं। 

1974 बेच के आईएफएस अधिकारी हरदीप सिंह पुरी ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। इस चुनाव में हरदीप सिंह अमृतशहर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए शहरी और आवास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया था। 

साल 2002 में सबसे कम उम्र में विधायक बने गुजरात के मनसुख मांडविया ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। इन्हें साइकिल से संसद जाने वाला सांसद भी कहा जाता है। उन्होंने एबीवीपी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 

पिछली सरकार में भी मंत्री रहे पुलस्ते ने इस बार भी मंत्री पद की शपथ ली। मध्य प्रदेश की मंडला सीट से कुलस्ते ने छठी जीत हासिल की है। 

बिहार की बक्सर लोकसभा सीट से दूसरी बार जीत कर संसद पहुंचे अश्विनी चौबे ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वह स्वास्थ्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 

आईएएस अधिकारी रहे अर्जुन मेघवाल ने राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। पिछली सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री रहे मेघवाल ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। मेघवाल भी साइकिल से संसद जाने के लिए मशहूर हैं। 

थल सेनाध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी निभा चुके जनरल वीके सिंह गाजियाबाद से चुनाव जीते थे। पिछली सरकार में विदेश राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने वाले वीके सिंह ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। 

दो बार सांसद और तीन बार विधायक रहे कृष्णपाल हरियाणा में गुर्जरों के बड़े नेता हैं। फरीदाबाद लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले कृष्णपाल गुर्जर ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वह सामाजिक न्याय मंत्री रहे थे। 

लगातार पांचवी बार संसद पहुंचे रावसाहेब दानवे ने महाराष्ट्र की जालना लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। दानवे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सरपंच बनने के साथ की थी। 

पहली बार सांसद बने जी किशन रेड्डी ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। तेलंगाना की सिकंदराबाद सीट से जीतने वाले रेड्डी तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वह तीन भार भाजपा से विधायक रह चुके हैं। 

राज्यसभा सांसद रुपाला ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वह राज्य कृषि राज्य मंत्री रहे थे। गुजरात के बड़े पाटीदार नेता रुपाला ने गुजरात विधानसभा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

राज्यसभा सांसद अठावले ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में भी मंत्री पद संभाल चुके अठावले आरपीआई (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और यूपीए का भी हिस्सा रह चुके हैं। 

उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रही थीं। 2019 के कुंभ में उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी मिली थी। 

प. बंगाल की आसनसोल सीट से जीतने वाले बाबुल सुप्रियो ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में शहरी विकास राज्य मंत्री की भूमिका निभाने वाले सुप्रियो ने टीएमसी की मुनमुन सेन को हराया। 

उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से रालोद के अजीत सिंह को हराने वाले संजीव बालियान ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पश्चिमी यूपी में वह बड़े जाट किसान नेता माने जाते हैं और पेशे से पशु चिकित्सक हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। 

पेशे से इंजीनियर संजय धोत्रे ने महाराष्ट्र की अकोला लोकसभा सीट से जीत हासिल की। धोत्रे ने राज्य मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। 1999 से 2004 तक धोत्रे विधायक रहे हैं। कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। 

हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट से लगातार चार बार जीतने वाले भाजपा के युवा नेता अनुराग ठाकुर ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। अनुराग ठाकुर लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक रहे हैं। इसके साथ ही सांसद रत्न अवार्ड 2019 और फेम इंडिया श्रेष्ठ सांसद अवार्ड 2018 जैसे सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। 

कर्नाटक की बेलगाम लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले सुरेश अंगड़ी ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। लगातार चार बार सांसद रहे अंगाड़ी 2004 में पहली बार सांसद बने थे। वह बेलगाम में कई शिक्षण संस्थान चलाते हैं। 

बिहार की उजियारपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले नित्यानंद राय ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। बिहार भाजपा अध्यक्ष राय हाजीपुर से विधायक रह चुके हैं और दूसरी बार संसद पहुंचे हैं। 

हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से जीतकर संसद आने वाले रतन लाल कटारिया ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। 1999 में पहली बार सांसद बने कटारिया ने पिछले दोनों लोकसभा चुनावों (2014 और 2019) में जीत हासिल की।  

छत्तीसगढ़ की सरगुजा सीट से जीत हासिल करने वाली रेणुका सिंह ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रेणुका सिंह ने राज्य में रमन सरकार में मंत्री पद संभाला है। वह राज्य की चर्चित आदिवासी नेता हैं। 

पंजाब की होशियारपुर सीट से जीत कर पहली बार संसद पहुंचे सोम प्रकाश ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। पंजाब के फगवाड़ा से विधायक रहे हैं। सोम प्रकाश जालंधर के डिप्टी कमिश्नर भी रहे हैं। 

असम की डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले रामेश्वर तेली ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। रामेश्वर दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे हैं। वह 2014 में पहली बार सांसद बने थे। 

ओडिशा की बालासोर लोकसभा सीट से जीतने वाले प्रताप सारंगी ने राज्य मंत्री की शपथ ली। सारंगी पहली बार संसद पहुंचे हैं। इन्हें ‘ओडिशा का मोदी’ कहा जाता है। यह साइकिल से चलते हैं और जमीन से जुड़े नेता हैं और समाजसेवा से जुड़े हैं। 

राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट से जीतने वाले कैलाश चौधरी ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। जसवंत सिंह के बेटे को हराने वाले कैलाश पहली बार संसद पहुंचे हैं। जाट समुदाय से आने वाले  कैलाश साल 2013 से 2018 तक विधायक रहे हैं।  

प. बंगाल की रायगंज लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाली देवश्री चौधरी ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा की प्रदेश महासचिव देवश्री चौधरी पहली बार संसद पहुंची हैं। देवश्री 2014 के चुनाव में हार गई थीं।