हाईवे जाम करने के मामले में शिक्षामंत्री और विधायकों के खिलाफ गैर जमानती वारंट

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कांग्रेस विधायक आदेश चौहान जसपुर, रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल,अरविंद पांडे शिक्षा मंत्री, विधायक हरभजन सिंह चीमा, पूर्व सांसद बलराज पासी सहित 11 के खिलाफ जारी हुए वारंट 

23 अक्तूबर तक सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के आदेश

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
काशीपुर : आठ साल पहले जसपुर में किशोरी की बरामदगी को लेकर हाईवे जाम करने के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और काशीपुर, जसपुर, रुद्रपुर के विधायक समेत 16 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये हैं। कोर्ट ने इन सभी की गिरफ्तारी के लिये विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब हो कि वर्ष 2012 में समुदाय विशेष का एक युवक दूसरे समुदाय की युवती को लेकर फरार हो गया था। युवती की बरामदगी को लेकर तमाम संगठनों ने प्रदर्शन किया था। तत्कालीन भाजपा नेता आदेश चौहान (वर्तमान में कांग्रेस विधायक जसपुर), रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल, विधायक अरविंद पांडे (वर्तमान शिक्षा मंत्री), विधायक हरभजन सिंह चीमा समेत कई लोगों ने प्रदर्शन कर सुभाष चौक के करीब हाईवे को कई घंटों के लिए जाम कर दिया था।
तत्कालीन एएसपी जगतराम जोशी ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर किया था। साथ ही पुलिस ने हाईवे जाम करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। हाईवे जाम का मामला काशीपुर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार ने इनके मुकदमे को वापस लेने के आदेश भेज दिए थे। लेकिन निचली अदालत ने सरकार का आदेश नहीं माना तो उक्त लोगों ने जिला कोर्ट की शरण ली थी।
बीते सोमवार को जिला कोर्ट ने इन सब लोगों की रिवीजन को खारिज कर दिया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद बर्मन की अदालत ने शिक्षा मंत्री, विधायक हरभजन सिंह चीमा, विधायक राजकुमार ठुकराल, विधायक आदेश चौहान, पूर्व सांसद बलराज पासी समेत 16 के गैर जमानती वारंट जारी किये हैं। कोर्ट ने एएसपी को विशेष टीम गठित कर आरोपियों को 23 अक्तूबर तक न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं।
इतना ही नहीं कोर्ट ने एएसपी को जारी आदेश में कहा है कि मामले में हीलाहवाली करने पर कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। न्यायालय ने आदेश में कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक वारंट तामिल करने और गिरफ्तारी को विशेष टीम गठित करें। साथ ही टीम की कार्रवाई की रिपोर्ट, टीम के सभी सदस्यों की लोकेशन और सीडीआर भी न्यायालय में पेश करें। कोर्ट ने कहा है कि मामले में हीलाहवाली करने पर कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी।