रिजल्ट घोषित करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं : कुमाऊं विश्वविद्यालय

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परीक्षा से चार माह तथा कॉपी जांचने के डेढ़ माह बाद भी नहीं हुआ रिजल्ट घोषित

काशीपुर : बी.एस. सी. तथा बी.काम. की दिसम्बर 2016 में आयोजित प्रथम सैमिस्टर की परीक्षाओं का रिजल्ट परीक्षा के समाप्त होने के चार माह बाद तक भी घोषित नहीं हुआ है जबकि अगले सैमिस्टर की पढ़ाई भी लगभग पूरी हो चुकी है। जबकि इस परीक्षा का मूल्यांकन कार्य 25 मार्च 2017 को पूरा कर लिया गया। सूचना अधिकार के अन्तर्गत कुमाऊं विश्व विद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह खुलासा हुआ है। वहीँ एक अन्य जानकारी में विश्वविद्यालय ने कहा है कि  परीक्षा परिणामों की घोषणा हेतु विश्वविद्यालय द्वारा अधिकतम समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी से दिसम्बर 2016 में आयोजित बी0एस सी0 तथा बी0काम0 की प्रथम सैमिस्टर की परीक्षाआें के रिजल्ट घोषित करने के सम्बन्ध में 7 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में कुमाऊं विश्वविद्यालय के लोेक सूचना अधिकारी/परीक्षा नियंत्रक प्रो, रजनीश पाण्डे द्वारा अपने पत्रांक 2396 दिनांक 24-04-2017 से सूचना उपलब्ध करायी गयी है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार अध्यादेशों में खामियों तथा अध्यादेशों के अनुरूप आन्तरिक मूल्यांकन के अंक प्राप्त न होने तथा आन्तरिक मूल्यांकन एवं प्रयोगात्मक परीक्षाओं के अंक पत्र अधिकांश महाविद्यालयों द्वारा बिना अनुक्रमांक प्रेषित किये जाने के कारण सूचना उपलब्ध कराने की तिथि तक रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है।

उत्तर पुस्तिकायें में जांचने के सम्बन्ध में लोक सूचना अधिकारी ने सूचना उपलब्ध करायी है कि मूल्यांकन का कार्य 21 जनवरी 2017 से प्रारम्भ होकर दिनांक 25 मार्च 2017 तक समाप्त कर लिया गया है।

श्री नदीम ने अपने सूचना प्रार्थना पत्र में विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणामों की घोषणा के लिये परीक्षा की समाप्ति की तिथि से परिणाम घोषणा के लिये निर्धारित अधिकतम अवधि के विवरण की भी सूचना मांगी है। इस सम्बन्ध में सूचित किया गया है कि परीक्षा परिणामों की घोषणा हेतु विश्वविद्यालय द्वारा अधिकतम समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है।

श्री नदीम ने बताया कि प्रत्येक लोक प्राधिकारी को सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 4(1) (बी) के अन्तर्गत अपने कार्य के मानक निर्धारित करके उसे मैनुअल 4 के रूप में प्रकाशित करना आवश्यक है। विश्वविद्यालय को भी अपनी परीक्षा सम्बन्धी कार्य के मानक जिसमें रिजल्ट घोषित करने की अधिकतम समय अवधि भी शामिल है, निर्धारित करके प्रकाशित कराये जाने चाहिये। इसके लिये उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी कुलपति को प्रथम अपील की है। आवश्यकता होने पर वह उत्तराखंड सूचना आयोग की शरण लेंगे ताकि रिजल्ट में देरी से हजारों बच्चों के भविष्य से विश्वविद्यालय खिलवाड़ न कर सके।