प्रदेश भर में NHM कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर किया कार्य बहिष्कार

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कई राष्ट्रीय कार्यक्रम हुए प्रभावित 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन उत्तराखंड द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार प्रारंभ कर दिया गया। इसके तहत उत्तराखंड के जनपद मुख्यालय में सभी कर्मचारियों ने धरने पर बैठ कर अपनी मांगों के समर्थन में कार्य बहिष्कार किया। कार्य बहिष्कार के चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलने वाले कार्यक्रमों में आयुष्मान भारत टीकाकरण ,मातृत्व स्वास्थ्य जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना,आशा कार्यक्रम बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा विभिन्न योजनाओं से संबंधित दैनिक रिपोर्टिंग के कार्य प्रभावित हुए ।

इस मौके पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों के लिए एचआर पॉलिसी का निर्धारण तत्काल जिसके तहत कर्मचारियों को सामूहिक बीमा स्वास्थ्य बीमा दुर्घटना बीमा आदि का प्रावधान किया जाए। साथ ही अन्य राज्यों की भांति कर्मचारियों को लॉयल्टी बोनस, ग्रेच्युटी, का भुगतान किया जाय।

कर्मियों के नियमितीकरण एवं न्यूनतम वेतन हेतु कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी हित में कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो संगठन उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होगा।

धरने के दौरान जनपद देहरादून में अर्चना उनियाल, गीता शर्मा, ममता बहुगुणा, वेद प्रकाश रतूड़ी, अनूप चौहान, पूजन नेगी, रेनू नेगी, दिनेश पांडेय, दीपक सहल, डॉ पीयूष, ममता पयाल, उमेश सिरस्वाल, अभिषेक रावत सहित विभिन्न कार्यक्रमों के कर्मचारी मौजूद रहे।

NHM कर्मियों की मुख्य मांगें

1. एन.एच.एम. कर्मचारियों के नियमितिकरण हेतु नीति बनाई जाए।

2. एन.एच.एम. कर्मचारियों के लिए एच0आर0 पॉलिसी तत्काल बनाई जाए।

3. एन.एच.एम. के अंतर्गत ठेकेदारी प्रथा पर नियुक्ति करने के फैसले का रद्द किया जाए।

4. पी.पी.पी. मोड में संचालित किए जा रहे चिकित्सालयों में तैनात एन0एच0एम0 कर्मचारियों के समायोजन की नीति बनाई जाए।

5. एन.एच.एम. कर्मचारियों को अन्य राज्यों की भांति लॉयल्टी बोनस का भुगतान किया जाए।

6. एन.एच.एम. कर्मियों के मानदेय निर्धारण में राज्य, जनपद तथा ब्लॉक स्तर पर आनुपातिक दृष्टि से समानता लायी जाए।

7. आशा कार्यक्रम में तैनात आशा फैसिलिटेटर को नियत मासिक मानदेय दिया जाए।