NH-74 : हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे

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  • आखिर थम सा गया एनएच-74 घोटाले का भूचाल!
  • आखिर आईएएस के आगे खामोश क्यों हो गई एसआईटी?
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून। उत्तराखंड का बहुचर्चित एनएच-74  मुआवजा घोटाले को लेकर उत्तराखण्ड में डबल इंजन की सरकार ने घोटाले की जांच भले ही सीबीआई से न कराई हो लेकिन एसआईटी द्वारा की जा रही जांच को लेकर प्रदेश सरकार की बांछें खिली हुई थी कि अब तक एसआईटी ने 22 अफसरों और कर्मचारियों  को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। एसआईटी ने जैसे ही इस घोटाले को लेकर दो आईएएस अफसरों से पूछताछ के लिए अपने कदम आगे बढाये तो लगभग चालीस आईएएस अफसरों ने एसआईटी की इस जांच का खुलकर विरोध करते हुए शासन के आला अफसरों के सामने अपनी नाराजगी प्रकट की। इतना ही नहीं चर्चा है कि जिन आईएएस अफसरों के नाम इस घोटाले में सामे आये थे उन्होंने एक नेता को साफ साफ़ बता दिया है कि यदि हम तो डूबेंगे सनम तुम्हे भी ले डूबेंगे। चर्चा है कि आईएएस अधिकारी की इस घुड़की के बाद से  और जबसे अपने अफसरों के बचाव में अपने कदम आगे बढाये तभी से एसआईटी भी कुछ खामोश सी नजर आने लगी है ? बीते एक पखवाड़े से एनएच-74 घोटाले को लेकर सूबे में  आया भूचाल थमा हुआ सा नजर आ रहा है और चर्चाएं उठ रही हैं कि आखिर क्यों आईएएस लॉबी के आगे एसआईटी सम्भवतः खामोश सी हो गई है ? 
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासनकाल में जब एनएच-74 घोटाला हुआ तो उसके बाद भाजपा के सत्ता मी आते ही इसकी गूंज उठने लगी और  घोटाले का राज जब बेपर्दा हुआ तो उसके बाद सरकार ने इस मामले  की जांच एसआईटी के हवाले कर दी और एसआईटी ने इस मामले में अब तक आधा दर्जन से अधिक प्रशासनिक अफसरों व कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। एसआईटी ने जब अपनी जांच को आगे बढाया तो आर्बिट्रेशन से निपटाये गये कुछ मामलों को लेकर शासन में तैनात दो वरिष्ठ आईएएस अफसरों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया।
शासन के दो आईएएस अफसरों को नोटिस दिये जाने के बाद आईएएस लॉबी के लगभग चालीस आईएएस अफसरों ने मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश से मिले थे और एसआईटी द्वारा आईएएस अफसरों को पूछताछ के लिए नोटिस दिये जाने पर कड़ी  नाराजगी दिखाई थी और सरकार के मुखिया से भी मुलाकात करने का समय मांगा था। इतना ही नहीं चर्चा तो यहाँ तक सत्ता के गलियारों में तैरने लगी कि मामले में एसआईटी की जांच के दायरे में आये एक आईएएस अधिकारी ने एक नेता से मुलाकात कर सबकी पोल खोलने की धमकी दे डाली। 
वहीं यह भी चर्चा है कि आईएएस अधिकारियों की नाराजगी के चलते कहीं न कहीं सरकार अब बैकफुट पर नजर आ रही है? यही कारण है कि एनएच-74 घोटाले में मचा भूचाल अभी कहीं न कहीं थमा हुआ नजर आ रहा है और यहां तक आशंकायें उठ रही हैं कि अब एसआईटी दो आईएएस अघिकारियों पर अपना शिंकजा कसने में कामयाब नहीं हो पायेगी? एक ओर जहां आईएएस अफसरों पर शिकंजा कसने में एसआईटी खामोश दिखाई दे रही है तो वहीं एनएच-74 के प्रोजेक्ट से जुडे तीन प्रोजेक्ट डॉयरेक्टरों से भी पूछताछ के लिए एसआईटी अभी तक सफल नहीं हो पाई है। ऐसे में सवाल उठ रहे  हैं कि क्या एनएच-74 घोटाले में आईएएस अफसरों के नाम सामने आने पर मचा भूचाल आईएएस लॉबी के आगे आखिर क्यों खामोश हो गया है?