दार्चुला के नजदीक नेपाल ने भारतीय सीमा पर बनाया सैन्य बेस

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भारतीय सुरक्षा बलों ने चीन और नेपाल से लगी सीमाओं में सतर्कता बढ़ाई 

नेपाल सीमा में सुरक्षा एजेंसियों ने रात के वक्त सर्च लाइट से काली नदी की खुली सीमाओं पर कर दिया कड़ा पहरा 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
उत्तराखंड: चीन और नेपाल बॉर्डर पर बढ़ी सतर्कता
वहीं दूसरी ओर, लिपुलेख में चीनी सेना का मूवमेंट मिलने और नेपाल के अंदर भारत विरोधी राजनीति शुरू होने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने चीन और नेपाल से लगी सीमाओं में सतर्कता बढ़ा दी है। मुनस्यारी से लगी चीन सीमा पर जहां भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।
वहीं, नेपाल सीमा में सुरक्षा एजेंसियों ने रात के वक्त सर्च लाइट से काली नदी की खुली सीमाओं पर पहरा कड़ा कर दिया है। नेपाल से लगी काली नदी से सटी खुली सीमा में जौलजीबी, हंसेश्वर, पीपली, ड्यौडा, झूलाघाट, तालेश्वर सहित पूरे क्षेत्र में रात को सर्च लाइट की मदद से एसएसबी के जवान पहरा दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार चीन और नेपाल से लगी सीमा में सामान्य समय की तुलना में आठ से दस गुना फोर्स बढ़ाया गया है। रिजर्व में भी सुरक्षा कर्मियों को रखा गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह बीते कुछ समय से सुरक्षा एजेंसियों का मूवमेंट बढ़ा है, उससे साफ है कि सीमा पर सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा। सीमा के गांवों के लोग भी हर हलचल पर निगाह रखे हुए हैं।
काठमांडू  : नेपाल ने दार्चुला जिले में भारत के साथ सीमा पर सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) की एक बटालियन तैनात की है। यह जिला भारतीय क्षेत्रों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा के पास स्थित है।
सोमवार (3 अगस्त) को, एपीएफ कर्मियों की एक बटालियन ने क्षेत्र की सुरक्षा की देखरेख के लिए उत्तराखंड के धारचूला के पास नेपाल के दार्चुला में एक बेस बनाया है।
भारतीय सीमा पर एपीएफ कर्मियों की नवीनतम पोस्टिंग नेपाल की सुरक्षा के लिए वर्णित की गई है और केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा की गई पूर्व घोषणा के बाद है।
नेपाल का यह कदम भारतीय और चीनी सीमा के साथ बॉर्डर आउट पोस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा संसद में की गई घोषणा के साथ आता है।
छंगरू, डमलिंग, जौलजीबी, लाली, जुलुघाट और कई अन्य लोगों के लिए योजना बनाई गई है। मंत्रालय इसे अंजाम देने की योजना पर काम कर रहा है।