नदियों के तटवर्ती इलाकों को हरा-भरा बनाने की जरूरतः भट्ट 

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-सारी-नरसू गांव में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन 

-प्रख्यात पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने किया शुभारंभ 

-कार्यक्रम में पन्द्रह सौ फलदार पौधों का किया गया रोपण 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रुद्रप्रयाग । रमन मैग्सैसे पुरूस्कार से सम्मानित और प्रख्यात गांधीवादी और पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों को वृक्षारोपण से हराभरा बनाकर ही हम गंगा को सदानीरा और स्वच्छ बना सकते हैं। इसके लिए व्यावहारिक एवं ईमानदार पहल करने की आवश्यकता है।

वे यहाँ नमामि गंगे अभियान के तहत विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के गांव सारी-नरसू में वृक्षारोपण कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे।  इस दौरान पन्द्रह सौ फलदार पौधों का रोपण किया गया, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिलाधिकारी द्वारा महिला मंगल दल को सौंपते हुए ग्यारह हजार रुपये दिये। 

पर्यावरणविद् भट्ट ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरणीय असंतुलन के कारण सारा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। दुनिया की आधी आबादी पानी के अभाव की मार झेल रही है। नदियां प्रदूषित और जलविहीन हो गई हैं, जिससे मानव जीवन का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। विशाल हिमखंडों से पोषित होने वाली नदियां धीरे-धीरे सूख रही हैं। वनों के लगातार घटते चले जाने से मृदा क्षरण और भूस्खलन की घटनाएं तेज हो गई हैं। इसका एकमात्र समाधान यही है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर नदियों को रोखड़ में बदलने से रोकें। 

वृक्षारोपण के लिए अलकनंदा के दाहिने पार्श्व के तटवर्ती तप्पड़ में एकत्र स्थानीय महिला मंगल दलों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, भारत तिब्बत सीमा पुलिस व सेना के जवानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एकत्रित-प्रेरित करने वाले शिक्षक सतेंद्र भंडारी की पहल की प्रशंसा करते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि चिपको आंदोलन को चलाकर पेड़ों की रक्षा करने वाले इस भूभाग के लोगों ने सारे विश्व को वृक्षों का महत्व बताया है। यहां की मातृ-शक्ति ने उसके संरक्षण के साथ ही युक्तियुक्त उपयोग की सीख भी दुनिया को दी है। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम पेड़ लगाकर और उनकी रक्षा कर अपने पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि का रास्ता निकालें।

पत्रकार और चिपको आंदोलन के कार्यकर्ता रमेश पहाड़ी ने इस क्षेत्र के स्वतंत्रता आंदोलन में ऐतिहासिक भागीदारी का स्मरण कराते हुए ग्रामीणों का आह्वान किया कि वे जो पेड़ लगाएं, उसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी लें। तभी वृक्षारोपण की सार्थकता भी होगी। उन्होंने इस अभियान में जोश एवं जागृति पैदा करने के लिए नारे और संकल्प की आवश्यकता पर भी बल दिया।

जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने सभी प्रतिभागियों को संकल्प दिलाया, जिसमें रोपे गए पौधों को बचाने-बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रत्येक प्रतिभागी द्वारा ली गई। बताया कि पांच हेक्टेयर भूमि पर पांच हजार छायादार, फलदार पेड़ लगाने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में 1500 पौधों का रोपण किया गया। जिलाधिकारी द्वारा महिला मंगल दल को 11 हजार रुपये पौधों की देखभाल के दिए गये। कार्यक्रम में शिक्षक सतेंद्र भंडारी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और पेड़ों की सुरक्षा का विश्वास दिलाया।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी सरदार सिंह चैहान, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रमेश सिंह नितवाल, पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश सिंह, महिपाल सिंह सिरोही, अस्सिस्टेंट कमांडेंट आईटीबीपीवी के कृष्णा, सूबेदार जैकलाई सोहन सिंह, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह सहित अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित थे।