नरेश बंसल इन और अजय भट्ट आउट !

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  • 18 घंटे में ही अजय भट्ट हुए पार्टी कार्यालय से बाहर !
  • नरेश बंसल के पास एक नहीं चार-चार पदों की है जिम्मेदारी!
  • उत्तराखंड के सबसे भारी भरकम पदाधिकारियों की सूची में हैं शुमार!

राजेन्द्र जोशी 

देहरादून : भारतीय जनता पार्टी की परम्पराओं को जब पार्टी के पुराने कार्यकर्ता अक्षुण नहीं रख पाएंगे तो नए लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि पुराने कार्यकर्ता ही इन परम्पराओं के वाहक के रूप में कार्य करते हैं वह चाहे संस्कारों की परम्परा हो अथवा संस्कृति की परंपरा हो। लेकिन उत्तराखंड भाजपा में ऐसा कहीं भी नहीं दिखाई दे रहा है।अभी नरेश बंसल के कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा को 18 घंटे भी नहीं हुए थे कि बुधवार सुबह लोकसभा चुनाव लड़ रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को पार्टी कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और पार्टी अध्यक्ष के कार्यालय में कार्यकारी यानि कामचलाऊ अध्यक्ष नरेश बंसल की ड्रेस -अप फोटो कुर्सी के पास विराजमान कर दी गयी। इतना ही नहीं अब तक के प्रदेश अध्यक्षों के नाम वाले बोर्ड को भी हटा दिया गया है।  अब ये बोर्ड क्यों हटाया गया है इसका जवाब किसी के पास नहीं।  लेकिन सूत्रों ने बताया है कि यहाँ लगे इस बोर्ड पर कार्यकारी अध्यक्ष का नाम पेंट होने बोर्ड भेजा गया है। 

ऐसा वाकया आज से पहले शायद ही देश के किसी भाजपा कार्यालय में हुआ हो जब पार्टी के अध्यक्ष को आनन -फानन में इस तरह से बाहर का रास्ता दिखाया गया हो। इतना ही नहीं ताजपोशी का ऐसा जश्न मनाया गया जैसे कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बल्कि स्थायी अध्यक्ष का दायित्व मिला हो। भाजपा कार्यालय में जहाँ जमकर आतिशबाजी की गयी वहीँ खूब मिठाइयाँ भी बांटी गयी। 

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गौरतलब हो कि वर्तमान में कार्यकारी अध्यक्ष नरेश बंसल के पास एक नहीं चार-चार पदों की जिम्मेदारी है।वर्तमान में उनके पास जहां कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी है वहीं उनके पास मी #टू में फंसे संगठन महामंत्री की भी जिम्मेदारी है साथ ही उनके पास अलग से प्रदेश महामंत्री का दायित्व भी है जबकि अभी कुछ ही समय पहले उनको राज्य सरकार द्वारा केबिनेट मंत्री का दायित्व भी दिया गया है क्योंकि उनको सरकार ने बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया है। इतने सारे दायित्वों का निर्वहन कर रहे नरेश बंसल इस लिहाज़ से उत्तराखंड के सबसे भारी भरकम पदाधिकारियों की सूची में शुमार हो गए हैं । देश -दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो एक साथ इतने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है खासकर राजनीतिक दलों में तो नहीं, हाँ ब्यूरोक्रेसी में तो यह तब संभव है जब राज्य में आईएएस अधिकारियों की कमी हो और एक ही अधिकारी के पास कई सारे विभागों का दायित्व निर्वहन करें की जिम्मेदारी हो ऐसा उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी में भी प्रायः देखने को मिलता है ।

उल्लेखनीय है कि भाजपा द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष नरेश बंसल ने आज तक के राजनीतिक सफ़र के दौरान नगर पालिका वार्ड मेम्बर तक का चुनाव नहीं लड़ा है लेकिन वे महापौर से लेकर विधायक, लोकसभा प्रत्याशी और यहाँ तक कि राज्यसभा तक के प्रत्याशी बनने के लिए अपना दावा करते रहे हैं । लेकिन पार्टी ने हर बार उनके दावे को दरकिनार कर धरातल पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को ही तवज्जो दी है । लेकिन बीते कुछ सालों से वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष अपने दिल्ली में बैठे ”आका” के दम पर सूबे के हर उस पद को कब्जाने में कामयाब रहे हैं जहाँ उनकी इच्छा शक्ति हिलोरें मारती होती है ।

भाजपा कार्यकर्ताओं में नरेश बंसल के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने सहित चार-चार दायित्वों को लेकर कई तरह की चर्चा भाजपा कार्यालय में चल रही है । अब अभी सवाल भाजपा कार्यालय में तैर रहा है कि कहीं पार्टी के अध्यक्ष रहे अजय भट्ट के खिलाफ पार्टी कार्यालय में कोई षड्यंत्र तो नहीं चल रहा है कि यदि अजय भट्ट नैनीताल से चुनाव हार जाते हैं तो क्या 11 बलबीर रोड पार्टी कार्यालय में आने के बजाय क्या सीधे रानीखेत जायेंगे? और उनको पार्टी अध्यक्ष के नाते यमुना कॉलोनी में जो कोठी आवंटित की गयी है क्या उन्हें वह भी खाली करनी पड़ेगी ?