अधिशासी अभियंता धारा 133 में बुक, ठेकेदार पर जुर्माना

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गौला बैराज का अस्थाई तटबंध टूटा
हल्द्वानी शहर की पेयजल आपूर्ति ठप
जिलाधिकारी ने किया मौके का निरीक्षण

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

हल्द्वानी। गौला बैराज का अस्थाई तटबंध ध्वस्त होने से हल्द्वानी शहर की पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई। बैराज का जायजा लेने गए जिलाधिकारी सविन बंसल ने तमाम अव्यवस्थाओं तथा बिना अनुमति मुख्यालय से गायब रहने पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता तरुण बंसल को सीआरपीसी की धारा 133 के तहत बुक किया है। भविष्य में लापरवाही बरतने पर मुकदमा दर्ज कराने तथा सस्पेंड करने की चेतावनी दी है। डीएम ने बैराज में राज्य योजना से लगभग पांच करोड़ के सुधारीकरण कार्य कर रहे ठेकेदार घनश्याम तिवारी पर लापरवाही बरतने एवं कार्य स्थल पर श्रमिक तैनात नहीं करने पर डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना ठोंका है।

भारी वर्षा के कारण गौला नदी में अत्यधिक पानी आने से बैराज में बना अस्थायी तटबन्ध ध्वस्त हो गया, जिससे शहर में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई। सोमवार सुबह डीएम ने गौला बैराज पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मौके पर अव्यवस्थाओ को लेकर जिलाधिकारी खासे नाराज हुए। निरीक्षण के दौरान उन्होने पाया कि सारी लापरवाही के लिए दोषी सिंचाई महकमा है। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता सिचाई तरुण बंसल की लचर कार्य प्रणाली एवं शासकीय दायित्वों के प्रति लापरवाही तथा बिना अनुमति से मुख्यालय से गायब रहने को गम्भीरता से लेते हुए उनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी बंसल ने निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता सिंचाई को गोला बैराज अस्थायी तटबन्ध ठीक कर हल्द्वानी की पेयजल व्यवस्था सुचारू करने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि गोला बैराज तटबन्ध टूटने से शहर की पेयजल व्यवस्था बाधित होने पर जल संस्थान टैंकरों एवं अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से पेयजल आपूर्ति करेगा तथा इस पर होने वाले व्यय का भुगतान सिंचाई विभाग करेगा। इस धनराशि का भुगतान जिला योजना व अन्य मदों से नहीं किया जाएगा।

डीएम ने कहा कि वर्षा के दौरान ठैकेदार के कर्मचारी मौके पर रहकर स्वयं ही तटबन्ध काट देते तो पानी की निकासी सही से हो जाती और बाढ़ की स्थिति नहीं आती और न ही पेयजल आपूर्ति बाधित होती। उन्होंने मौके पर ठेकेदार के श्रमिकों, मशीनरी तथा सिंचाई विभाग के साथ किए गए अनुबन्ध आदि की जाॅच करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट व अधीक्षण अभियंता सिंचाई की दो सदस्यीय जाॅच टीम गठित की। साथ ही अनुबन्ध के सभी बिन्दुओं पर जांच कर विस्तृत आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि उसके आधार पर भी ठेकेदार पर वास्तविक जुर्माना लगाया जा सके।