अधिकारियों के आदेश नहीं मानते यह स्वास्थ्य कर्मचारी, चंद्रकोट के ग्रामीणों को नहीं मिली राहत

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दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र चंद्रकोट में फार्मासिस्ट की नियुक्ति केवल कागजों में

सप्ताह में तीन दिन अस्थाई तैनाती के आदेश को किया दरकिनार

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नैनीताल। कागजों में नियुक्तियां होने के बाद भी नैनीताल जिले के चंद्रकोट के अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र को डॉक्टर और कर्मचारी की सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। स्थिति यह है कि कर्मचारी अपने अधिकारियों के आदेशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं और दुर्गम वाले स्थानों में जाने की बजाय सुगम में ही ड्यूटी को प्राथमिकता दे रहे हैं। आखिरकार, लंबे समय से टाल मटोल करने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने चंद्रपुर में अस्थाई ही सही सप्ताह में तीन दिन के लिए फार्मासिस्ट को सेवाएं देने के आदेश जारी किए थे, लेकिन आदेश हवाई साबित हुए, क्योंकि ग्रामीणों को इनसे कोई राहत नहीं मिल सकी।

देवभूमि मीडिया ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करके ग्रामीणों की समस्या को उजागर किया था। सीएचसी बेतालघाट के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने 20 अप्रैल 2020 को जारी आदेश में  फार्मासिस्ट हीरा सागर से कहा था कि ग्रााम पंचायत चंद्रकोट एवं सौनली से प्राप्त स्वास्थ्य समस्या के समाधान एवं कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के दृष्टिगत उनको अपने कार्य के अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेंद्र चंद्रकोट का कार्य भी सप्ताह में तीन दिन सुनिश्चित करना होगा।

आदेश में कहा गया था कि यह व्यवस्था अस्थायी है। हालात सामान्य होने पर फार्मासिस्ट मदन गिरी को उनके मूल तैनाती स्थल चंद्रकोट एवं मल्ली सेठी के लिए कार्यमुक्त किया जाएगा। 

फार्मासिस्ट मदन गिरी के बारे में बताया गया कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए ब्लाक में दस रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई हैं, जिनमें दो चिकित्सालय स्तरीय रिस्पांस टीम तथा एक-एक ब्लाक निगरानी समिति बनाई गई हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्र चंद्रकोट में कार्यरत फार्मासिस्ट मदन गिरी से उनके कार्यानुभव के अनुसार सीएचसी गरम पानी में आकस्मिक सेवा, अटल आयुष्मान योजना का कार्य भी लिया जाता है। वो ब्लाक स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य भी हैं। 

मालूम हो कि प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव और अन्य आला अधिकारी भले ही सूबे के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरा होने के दावे करते हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट है। नैनीताल जिले के बेतालघाट तहसील के ग्राम चन्द्रकोट के अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और फार्मासिस्ट की तैनाती केवल कागजों में ही है। अस्पताल में पिछले दो महीने से डॉक्टर और फार्मासिस्ट की सेवाएं नहीं हो पा रही है। इससे पहले कभी कभी एक या दो महीने में डॉक्टर और फार्मासिस्ट दिख जाते थे।   

उत्तर प्रदेश के समय का यह स्वास्थ्य केंद्र दुर्गम गाँव चंद्रकोट, चंद्रकोट धुरा, सौनली, तूनिया, हमकोट, लेधरा, सिरानी आदि को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्थापित किया गया था। हालाँकि उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अस्पताल में कर्मचारी नियुक्त हैं, लेकिन दोनो में से कोई भी वहाँ स्थायी तौर पर नहीं जाता। 

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र हालसी, ग्राम प्रधान संगठन बेतालघाट के अध्यक्ष भुवन महरा भी इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कर चुके हैं। दुर्गम क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र मे चिकित्सा व स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं, वहीं इस पद पर नियुक्त कर्मचारी को पीएचसी खैरना में तैनाती दी गई है।