2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की की जाए फूलप्रुफ प्लानिंग : मुख्यमंत्री

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  • -महाकुम्भ के लिए स्थाई मेलाधिकारी व मेला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति जल्द होगी

  • -स्थाई प्रकृति के सभी कार्य अक्टूबर 2020 तक पूर्ण कर लिये जाएं

  • -अखाड़ों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए

  • -मुख्य स्नान पर्वों पर भीड़ प्रबंधन के के लिए समुचित व्यवस्था की जाय

  • -कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाय

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक के साथ 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के कार्यों में तेजी लाने के लिए जल्द ही स्थाई मेला अधिकारी व मेला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी। कुंभ में होने वाले स्थाई कार्यों की जल्द स्वीकृति दी जायेगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाय। कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाय। महाकुंभ को सुविधाजनक बनाने व भीड़ प्रबंधन में सहयोग के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाय। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ के लिए लोगो (प्रतीक चिन्ह) व स्लोगन के  लिए जनता के सुझाव आमंत्रित किये जाय। इसके लिए पुरस्कार राशि का प्राविधान किया जाय। कुंभ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल, टॉयलेट, सफाई आदि की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लानिंग करने के लिए कहा। सकुशल कुंभ कराने व कार्यों की निरंतर निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के दौरान हरिद्वार में भीड़ प्रबंधन कैसे हो इसके समाधान के लिए जिलाधिकारी, पुलिस के अधिकारी व रेलवे के अधिकारी आपसी समन्वय कर सुनियोजित कार्ययोजना बनाये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बैरागी कैम्प व अन्य पार्किंग स्थलों पर अतिक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। अति महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाय। मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाय।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, इसलिए मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना अति आवश्यक है। जटवाड़ा पुल से हरकी पैड़ी तक घाटों का विस्तार करना जरूरी है। मेले के दौरान हिल बाईपास को खोले रखने के लिए प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कैंप के लिए पहले से ही स्थान चयन कर लिये जाय।

पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने बताया कि कुंभ मेले में 20 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। आग एवं भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिये विशेष कार्ययोजना बनाई जायेगी। कुंभ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है ऐसे में भीड़ प्रबन्धन और सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टि से हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को स्नान के लिए आने व जाने के मार्गों के लिए पूरी प्लानिंग की जायेगी।

जिलाधिकारी मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत ने कहा कि कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए हरिद्वार में रेलवे ट्रेक डबल 27 किमी होना है। जिसमें से 17 किमी पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि एनएच कार्य जल्द पूर्ण होने पर कुंभ के दौरान श्रद्वालुओं के  लिए काफी सुविधा हो जायेगी। जिलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ के लिए किये जा रहे कार्यों व आवश्यकताओं पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव डॉ. भूपेन्दर कौर औलख, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, गढ़वाल कमिश्नर बीवीआरसी पुरूषोत्तम, आईजी संजय गुंज्याल व सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।  

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