जोशीमठ। भव्य धार्मिक अनुष्ठान के बीच बुधवार को भगवान नृसिंह बदरी अपने नए घर (मंदिर) में विराजमान हो गए। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान नृसिंह के दर्शन किए। जोशीमठ में नृसिंह मंदिर का श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने जीर्णोद्धार किया है। हिमाद्रि शैली में निर्मित नए मंदिर को बनाने में साढ़े चार करोड़ की लागत आई है ।
अक्षय तृतीय पर पूजा-अर्चना के बाद भगवान नृसिंह के साथ मां लक्ष्मी, मां चंडिका, गरुड़ महाराज, मां नवदुर्गा, श्रीराम, श्री लक्ष्मण, माता सीता व अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को शंकराचार्य गद्दी स्थल से बाहर निकाला गया। यहां से धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल की अगुआई में सभी मूर्तियों को नृसिंह मंदिर लाकर गर्भगृह में यथास्थान विराजित किया गया। धर्माधिकारी व अन्य धर्माचार्यों ने सबसे पहले भगवान नृसिंह की पूजा-अर्चना की और फिर श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए।
इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने जागरों से भगवान की स्तुति की। साथ झुमैलो समेत अन्य पारंपरिक नृत्यों की भी छटा बिखरी। कार्यक्रम में पहुंची हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला व भोलेजी महाराज ने भी भगवान नृसिंह की पूजा-अर्चना कर देवभूमि की खुशहाली की कामना की। इस दौरान श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से भंडारा भी लगाया गया था। इसी के साथ तीन दिनों से चल रहा भगवान नृसिंह का मूर्ति स्थापना समारोह संपन्न हो गया। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, सीईओ बीडी सिंह, दिवाकर चमोली, दिनकर बाबुलकर, जगदीश चंद्र भट्ट, सत्यप्रकाश चमोला, ओमप्रकाश नेगी, हरेंद्र राणा समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।