नजूल को लेकर बयान पर बेहड़ ने कौशिक को भेजा कानूनी नोटिस

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  • जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें कौशिक 
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
रुद्रपुर । पूर्व काबीना मंत्री तिलकराज बेहड़ ने प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे नजूल भूमि को लेकर पूर्व में दिए गए बयान का खण्डन करने व जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही है। 
अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री बेहड़ ने कहा कि काबीना मंत्री मदन कौशिक ने गत 5 नवम्बर को नगर के होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मीडियाकर्मियों को सार्वजनिक रूप से वक्तव्य दिया कि उच्च न्यायालय द्वारा रूद्रपुर नगर क्षेत्र के भदईपुरा क्षेत्र की नजूल भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने के एवं जिन लीज की भूमियों का नवीनीकरण नहीं हुआ है को अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने के आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय से राज्य सरकार द्वारा स्थगन आदेश पारित करा लिये गये हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि उन्हें विश्वस्त सूत्रें से जानकारी मिली कि उच्च न्यायालय के नजूल भूमि के अतिक्रमण मुक्त कराये जाने के आदेश के विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की कोई अपील अथवा रिवीजन दाखिल नहीं किया गया है और न ही अन्य चाराजोई की गयी।
 
इतना ही नहीं न ही उच्च न्यायालय द्वारा इस संदर्भ में कोई स्थगनादेश ही पारित किये गये। साथ ही उच्च न्यायालय द्वारा पारित इस प्रकार के किसी आदेश की प्रति सार्वजनिक हुई है। श्री बेहड़ ने कहा कि श्री कौशिक द्वारा पत्रकार वार्ता में झूठा वक्तव्य जारी किया गयाए जिसका उददेश्य केवल भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में आम जनता के मतों का प्रयोग करना है। निश्चित तौर से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने के साथ साथ पद एवं सत्ता का दुरूपयोग है। उन्होंने कहा कि यह वक्तव्य अन्य राजनैतिक दलों को दुर्भावनापूर्वक नुकसान पहुंचाने के लिए दिया गया।
श्री बेहड़ ने कहा कि प्रदेश का पूर्व मंत्री एवं जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका दायित्व आम जनता को गुमराह होने से बचाना है ताकि नगर की जनता के हितों की रक्षा हो सके। उनका कहना था कि श्री कौशिक एवं भाजपा को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाना उनका उददेश्य नहीं है। प्रेषित नोटिस में श्री कौशिक से पांच सप्ताह के भीतर पुनः प्रेसवार्ता आयोजित कर पूर्व में दिए गए वक्तव्य की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने अथवा वक्तव्य का खंडन जारी करते हुए नगर की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर उसे प्रकाशित व प्रचारित करायें अन्यथा इसके पश्चात न्यायालय में कानूनी कार्रवाई की जायेगी जिसका समस्त हर्जा खर्चा श्री कौशिक को भुगतना होगा।
उन्होंने कहा कि विगत समय एक सामाजिक संस्था प्रतिज्ञा दि ओथ द्वारा बाजार क्षेत्र से अतिक्रमण हटाये जाने के संदर्भ में तथा सेवाराम नाम के व्यक्ति द्वारा नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने के संदर्भ में उच्च न्यायालय के समक्ष दो याचिकाएं दाखिला की गयी थीं जिसके पश्चात उच्च न्यायालय ने भदईपुरा में नजूल भूमि पर बसे करीब 14 हजार परिवारों को हटाकर भूमि मुक्त कराने व जिन व्यक्तियों की लीज का नवीनीकरण नहीं हुआ है को खाली करने, विगत 10 वर्षों से नजूल भूमि जिनका फ्रीहोल्ड किया गया है का निरस्तीकरण करते हुए भूमि को खाली कराने के आदेश पारित किये गये थे और इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की गयी थी। श्री बेहड़ ने बताया कि यह नोटिस अधिवक्ता आरपी सिंह के माध्यम से प्रेषित किया गया है। वार्ता के दौरान पूर्व पालिकाध्यक्षा मीना शर्मा, अनिल शर्मा आदि मौजूद थे।