केदारनाथ मार्ग पर लिनचैली और भीमबली में हुआ भूस्खलन

केदारनाथ आने वाले यात्रियों की मुसीबतें भारी वर्षा से बढ़ी

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-प्रशासन ने रोकी यात्रा, सुरक्षित स्थानों पर ठहराए तीर्थयात्री 

-अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के  निशान से पार

-नदी किनारे जाने पर रोक, सभी घाट हुये जलमग्न

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रुद्रप्रयाग । केदारनाथ-गौरीकुण्ड पैदल यात्रा मार्ग पर छोटी लिनचैली के मध्य भारी मलबा आने से यात्रा को रोका गया। एसडीआरएफ और पुलिस के जवानों ने यात्रा मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर बह रही है। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिस कारण नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है।

जिले में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं केदारनाथ आने वाले यात्रियों की मुसीबते बढ़ गई हैं। शनिवार की सुबह गौरीकुण्ड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग के छोटी लिनचैली और भीमबली में भारी भूस्खलन हुआ, जिस कारण प्रशासन को यात्रा रोकनी पड़ी और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया। दोपहर बाद मौसम साफ होने और पैदल मार्ग पर आये मलबे को हटाये जाने के बाद ही यात्रियों को केदारनाथ भेजा गया। केदारनाथ धाम में लगातार बारिश जारी है। 

वहीं दूसरी ओर लगातार बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां भी उफान पर आ गई हैं। नदियों ने खतरे के निशान को भी पार कर दिया है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे के नीचे बनाये गये पुल के नीचे अलकनंदा नदी किनारे स्थित भगवान शिव की मूर्ति भी पूर्ण रूप से नदी में डूब गई है। यह मूर्ति नदी से लगभग बीस मीटर ऊपर है और शिव मूर्ति दस फीट ऊंची है, लेकिन नदी के पानी में मूर्ति के सिर का सिर्फ एक हिस्सा दिखाई दे रहा है। वहीं नदी किनारे स्थित घाटों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। घाट पूर्णतः जलमग्न हो गये हैं। नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है।

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि लगातार हो बारिश के कारण दिक्कतें बढ़ रही हैं। गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग के लिनचैली और भीमबली में मलबा आने से रास्ता बंद हो गया, जिसके बाद यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा में हर समय आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ एवं पुलिस के जवान तैनात हैं। अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों का जल स्तर बढ़ने से नदी किनारे बने घाट भी जलमग्न हो चुके हैं और नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड हाईवे के डेंजर स्थानों पर मशीने तैनात की गई हैं। साथ ही ग्रामीण लिंक मार्गों के बंद होने पर तेजी से कार्यवाही करते हुए खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरसाती सीजन को देखते हुए प्रशासन सतर्कता बरते हुए है।