Rishikesh : पेड़ों की लोपिंग की आड़ में 30 से अधिक पेड़ों पर भू -माफियाओं ने चलाई आरी

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 मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून से पेड़ों को विद्युत लाइन से खतरा होने पर लॉपीग की मांगी थी अनुमति 

उद्यान विभाग  के अधिकारियों और भूखंड के स्वामी की मिलीभगत के चलते आम के हरे भरे पेड़ों को काटा गया

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश  : ऋषिकेश श्यामपुर क्षेत्र में भल्ला फार्म के पास लोपिंग की आड़ में 30 से अधिक पेड़ों पर भू माफियाओं ने चलाई आरी चलाए जाने की जानकारी सामने आ रही है।  यहां भारी मात्रा में आम के पेड़ काटकर करोड़ों रुपए की भूमि पर बिना विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराए अवैध प्लाटिंग कर बेचने की है योजना सामने आई है।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि इन पेड़ों का भारी संख्या में अवैध कटान उद्यान विभाग सहित ऋषिकेश विकास प्राधिकरण और उपजिलाधिकारी कार्यालय के कुछ अधिकारियों की देख -रेख में और मिली भगत से चल रहा है।  वहीं यह भी जानकारी सूत्रों ने दी है कि मामले के चर्चा में आ जाने के बाद अधिकारियों की मौजूदगी में लॉपिंग की आड़ में काटे गए इस अवैध कटान का खेल पर अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं लेकिन जब अधिकारी ही पेड़ों के अवैध कटान के मामले में लिप्त हैं तो उनके आदेश पर कैसे अमल होगा और कौन इन आदेशों का पालन करेगा, पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं।

गौरतलब हो कि ऋषिकेश श्यामपुर न्याय पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़ी मयचक रोड पर पुल के समीप ओम प्रकाश भल्ला पुत्र सत्य प्रकाश भल्ला का एक आम का बगीचा है । यह आम का बगीचा कई एकड़ भूमि में फैला हुआ है। इस भूमि की आज का बाजार रेट भी करोड़ों रुपए तक पहुँच गई है। यहां पर प्लॉटिंग कर इस भूखंड को बेचने की योजना के चलते बगीचे के स्वामीओम प्रकाश भल्ला पुत्र सत्य प्रकाश भल्ला ने मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून से पेड़ों को विद्युत लाइन से खतरा होने पर लॉपीग की अनुमति मांगी थी। जिस पर मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून ने प्रभारी उद्यान सचल दल केंद्र रायवाला को आदेश जारी किया।

इस आदेश में इसमें स्पष्ट रुप से लिखा गया था कि प्रभारी उद्यान और जेस्ट उप निरीक्षक डोईवाला निरीक्षण आख्या के आधार पर शर्तों के साथ अनुमति जारी करें साथ ही विद्युत लाइन की संपर्क में आने वाली आम की शाखाओं की सामान्य कटाई छटाई विभाग की देखरेख में की जाए ,पूर्ण रूप से पेड़ों को छतिग्रस्त ना किया जाए। मगर इस अनुमति की आड़ में बगीचे के स्वामी ने बगीचे के अंदर 30 से अधिक आम के पेड़ों को काट दिया है।

जब पेड़ों को अवैध रूप से इस तरह काटे जाने की सूचना हमारे संवाददाता को मिली तो संवाददाता को देखकर बगीचे में मौजूद अधिकारी और पेड़ काटने वाले मजदूर भागने लगे। वहीं जब उद्यान सचल दल केंद्र रायवाला के अधिकारियों से जब मामले की जानकारी के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फ़ोन को स्विच ऑफ करने से पहले बयान दिया कि हमारी मौजूदगी में सिर्फ लोपिंग की कार्यवाही की गई है ना की कटाई की गई है। लेकिन मौके पर भारी मात्रा में आम के पेड़ कटे हुए हैं। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उद्यान विभाग  के अधिकारियों और भूखंड के स्वामी की मिलीभगत के चलते आम के हरे भरे पेड़ों को काटा गया ताकि इस करोड़ों रुपए की संपत्ति को प्लोटिंग के जरिए बेचा जा सके। 

वहीं जैसे ही यह सूचना उच्च अधिकारियों को मिली तो उन्होंने जवाब दिया कि मामला संज्ञान में आया है। जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।अब देखना यह है कि क्या वाकई ही भूखंड स्वामी के खिलाफ और मौके पर मौजूद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है या सिर्फ खानापूर्ति करके मामले को रफा-दफा किया जाता है यह जांच का विषय है।