लखवाड़ परियोजना बनेगी उत्तर भारत की महत्वपूर्ण परियोजना : CM

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हरीश रावत ने किया 300 मेगावाट के लखवाड़ प्रोजेक्ट का शुभारंभ

ऊर्जा प्रदेश बनने की ओर एक शुरूवात : नव प्रभात 

lakhwar-project_12देहरादून : सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर क्षेत्रवासियों सहित प्रदेश के नागरिकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह एक ऐसी बहुद्देशीय परियोजना है जिससे राज्य ही नहीं बल्कि पूरा देश लाभान्वित होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने से राज्य ही नहीं बल्कि 5 अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा को भी पेयजल एवं सिंचाई का लाभ पहुँचेगा।
उन्होंने इस परियोजना की स्वीकृति के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिये गम्भीर है, हम पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए राज्य का विकास भी करना चाहते हैं। उन्होंने क्षेत्रवासियों को आश्वासन दिया कि इस परियोजना में जिनकी भूमि का प्रयोग हुआ है उनके मुआवजे आदि की किसी भी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में आजीविका, पर्यटन एवं बाजार को जोड़ने के लिए सम्यक योजनाएं बनायी जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस योजना के विलम्ब से शुरू होने के कारण इसकी लागत बढ़ गयी है। हमारे पास संसाधन नहीं है और उत्पादन के साधन भी सीमित हैं, परन्तु हिम्मत बांध कर पहाड़ का भी सीना चीरा जा सकता है। राज्य सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए हमने भी हिम्मत बांधी है और इसे हम निश्चित समय पर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा से राज्य उबर चुका है, चार धाम यात्रा भी पटरी पर आ चुकी है। किसी ने नहीं सोचा था कि राज्य 2 वर्षों में ही इन सबसे उबर जाएगा। आज हमारा राज्य देश के 6 सबसे तेज विकास कर रहे राज्यों में शामिल है। हमारी प्रति व्यक्ति आय भी देश की प्रति व्यक्ति आय से दुगनी है। इन सबसे यही साबित होता है कि राज्य तेजी से विकास कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि 2020 तक राज्य का कोई भी नागरिक गरीबी रेखा से नीचे न रहे और 2022 तक राज्य के हर हाथ को सम्मानपूर्ण कार्य मिले। राज्य का हर नागरिक देश निर्माण व परिवार पालन में सक्षम हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा देते हुए बहुत सी पेंशन योजनाएं चला रही है। जहाँ 2 वर्ष पूर्व मात्र 1.74 लाख लोग ही पेंशन से लाभान्वित हो रहे थे, वहीं आज उनकी संख्या बढ़कर 7.25 लाख तक पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से अगले पांच वर्षों में महिलाओं की स्थिति में भी सुधार आ जाएगा। उन्होंने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे कुछ न कुछ जरूर पैदा करें। राज्य सरकार इसके लिए बोनस दे रही है साथ ही खरीद नीति बनाते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी घोषित कर रही है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने राज्यवासियों व क्षेत्रवासियों को इस बहुद्देशीय परियोजना के शुरू होने की बधाई देते हुए कहा कि यह ऊर्जा प्रदेश बनने की ओर एक शुरूवात है। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। उन्होंने अधिकारियों की क्षमता में विश्वास जताया और कहा कि उन्हें आशा है कि यह परियोजना समय पर पूर्ण होगी।
कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से ही यह सम्भव हो पाया है कि इस परियोजना स्वीकृति मिली और आज इस योजना का कार्य प्रारम्भ हो हुआ। उन्होंने कहा कि निश्चित ही राज्य ऊर्जा प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने केन्द्र से अनुरोध किया कि ऐसी परियोजनाओं के निर्माण में शिथिलता प्रदान की जाए।
प्रमुख सचिव उमा कांत पंवार ने बताया कि इस परियोजना से 300 मेगावाट बिजली पैदा होगी एवं इससे उत्तराखण्ड सहित 5 अन्य राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान एवं हरियाणा को पेयजल एवं सिचाई का लाभ प्राप्त होगा। इस परियोजना की लागत रू0 3966.51 करोड़ है। यह बांध टिहरी बांध के बाद देश दूसरा सबसे ऊंचा बांध होगा जिसकी ऊंचाई 204 मी0 होगी। इसका जलग्रह क्षेत्र 2080 वर्ग किमी है।