हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी ने खाली किया सरकारी आवास

0
774
[box type=”shadow” align=”alignright” ]कोर्ट के आदेश के मुताबिक हमने सरकारी आवास खाली करने का फैसला लिया है। इस संबंध में एक-दो दिन के अंदर राज्य संपत्ति विभाग को अवगत करा दिया जाएगा।          भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री[/box]
देहरादून : नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर आवास खाली करने का नोटिस मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने न्यू कैंट रोड स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है। वह अब क्रॉस रोड पर किराए के मकान में रहेंगे।
हालांकि अभी इस संबंध में उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग को अवगत नहीं कराया है। सोमवार को इस बारे में विभाग को अवगत करा सकते हैं। कोश्यारी इस आवास में वर्ष 2000 से रह रहे थे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
इसके खिलाफ रूलक संस्था की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर अभी सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास खाली कराने की कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार से पूछा था।

इसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों एनडी तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी, बीसी खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक और विजय बहुगुणा को 16 दिसंबर तक सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजा था।

इसी  क्रम में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित आवास का किराया जमा करने संबंधी नोटिस भी सोमवार को भेजे जाने की संभावना है। राज्य संपत्ति विभाग का नोटिस मिलने के बाद कोश्यारी ने कहा था वह नवंबर में ही आवास खाली कर देंगे।

अब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में आवंटित न्यू कैंट रोड स्थित आवास खाली कर दिया है। उन्होंने क्रॉस रोड पर किराए का मकान लिया है, जहां सारा सामान शिफ्ट कर दिया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में आवंटित आवास पर भारी भरकम बिल बकाया होने के सवाल पर भगत सिंह कोश्यारी का कहना है कि बिल तो विभाग को देना है। इसका तो आवंटन के शर्त में उल्लेख है। उन्होंने कहा कि आवास आवंटन के वक्त किराया और बिजली का बिल देने की बात नहीं बताई गई थी।