मसूरी से दिखाई देती है प्रकृति की यह अदभुत विंटर लाइन

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मसूरी विंटरलाइन कार्निवाल पर खर्च होंगे 50 लाख

देहरादून : पहाडों की रानी मसूरी अपने सुरम्य नजारों, झरने, बाग बगीचों के लिए जानी जाती है, लेकिन मसूरी की एक और पहचान है और वो है विंटरलाइन। कहा जाता है यह नजारा विश्व में स्विट्जरलैंड के अलावा यहीं देखने को मिलता है। इस लंबी पीली लाइन को देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक यहां आते हैं।

मसूरी के मालरोड से दूनघाटी के ऊपर दिखने वाली सीधी लाल रेखा को ही विंटर लाइन कहा जाता है। इस लाइन का नजारा इतना शानदार होता है कि इसे देखने के लिए हर साल बड़ी तादाद में सैलानी यहां पहुंचते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार धरती से उठने वाले धूलकण की वजह से यह लाइन बनती है।

शाम के समय धूलकण के अधिक ऊपर उठने पर जब उस पर सूर्य की रोशनी पड़ती है तो वह चमक उठती है। धूलकण जितने ज्यादा होते हैं यह लाइन उतनी ही गहरी दिखाई देती है। यह रेखा अक्टूबर महीने के अंत से जनवरी तक मसूरी से देहरादून घाटी की ओर दिखाई देती है।

मसूरी को यूं ही पहाड़ों की रानी नहीं कहा जाता है। इसकी प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। हर साल की तरह यहां दूनघाटी के ऊपर विंटर लाइन दिखने लगी है। बड़ी संख्या में लोग इस लाइन को देखने के लिए पहुंच रहे है। अगर आप भी विंटर लाइन का दीदार करना चाहते हैं तो 25 से 30 दिसंबर के बीच मसूरी आ सकते हैं।

पहाड़ों की रानी मसूरी में विंटरलाइन कार्निवाल के लिए इस मर्तबा 50 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। 25 से 30 दिसंबर तक चलने वाले इस सांस्कृतिक उत्सव में लोग उत्तराखंडी लोकसंस्कृति से रूबरू होंगे ही, बॉलीवुड नाइट और सूफी नाइट में उन्हें झूमने का मौका मिलेगा।