उत्तराखंड में मासूमों से शादी के नाम पर बेचने का सिलसिला आख़िर कब तक ?

0
19174

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वाइरल हुए इस वीडियो को आप भी सुनिए …… 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : पांच मार्च की शाम को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वाइरल हुआ। यह वीडियो एक शिक्षक ने पोस्ट किया था,जो अपने स्कूल में पढ़ने वाली 14 वर्षीय छात्रा का विवाह 32 वर्षीय युवक से जबरन कराये जाने से बेहद आहत थे। उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के सरकारी माध्यमिक स्कूल में शिक्षक उपेंद्र सती ने यह वीडियो पोस्ट किया था। 

[videopress 4P5WE3bI]

उक्त वीडियो में उपेंद्र सती बता रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान ही उनके स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा का जबरन विवाह कर दिया गया। उक्त बच्ची की माँ नहीं है और पिता को छह हजार रुपये जैसी मामूली रकम थमा कर नाबालिग बच्ची का विवाह देहारादून में एक फ़ैक्ट्री में काम करने वाले 32 वर्ष के व्यक्ति से कर दिया गया।
उक्त बच्ची के स्कूल न आने पर शिक्षक उपेंद्र सती ने जब दरियाफ़्त किया तो सारा माजरा पता चला। परीक्षा दिलवाने के लिए लड़की को वापस बुलाने का दबाव लड़की के पिता पर उन्होंने बनाया। छात्रा वापस आई तो शिक्षक उपेंद्र सती को जो उत्पीड़न की दास्तान उसने सुनाई,वह भयावह है।
छात्रा ने शिक्षक को बताया कि जिससे उसका विवाह किया गया है,वह शराब पीता है, उससे मारपीट करता है। उसे शारीरिक ही नहीं मानसिक प्रताड़ना देने के लिए खुले में चप्पल से तक पीटता है। वह बताती है कि होली के दिन उस पर मिट्टी का तेल छिड़क कर जलाने की कोशिश तक उसके इस तथाकथित पति ने की।तथाकथित पति इसलिए कहा जा रहा है क्यूंकि बाल विवाह अवैध है।लड़की ईमानदारी से बताती है कि लड़के की माँ ने जब उसे मारपीट करने से रोकने की कोशिश की तो उसने अपनी माँ से भी मारपीट और गाली-गलौच की।
लड़की की मासूमियत देखिये कि इतनी प्रताड़ना और अपमान के बावजूद जब शिक्षक उपेंद्र सती उससे बार-बार पूछते हैं कि वह अब क्या कार्यवाही चाहती तो बच्ची सिर्फ इतना ही बोलती है कि वह,वहाँ नहीं जाना चाहती। उपेंद्र सती उससे पूछते हैं कि क्या वह चाहती है कि उसके उस तथाकथित पति को पुलिस पीटे तो लड़की, ना कहती है ! वह फिर यही दोहराती है कि वह दोबारा वहां नहीं जाना चाहती बस। 
मामले में समाजसेवी इंद्रेश मैखुरी ने जिलाधिकारी चमोली और बाल आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि पहाड़ से नाबालिकों की इस तरह की खरीद -फरोख्त पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो।