केदार घाटी में प्रदेश से बाहर की कंपनी को काम देने पर जनता में आक्रोश

0
624

टेंडर निरस्त न हुआ तो गौरीकुंड में दिया जायेगा धरना : चौधरी

स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया तो होगा आंदोलन _ मनोज रावत 

रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के आपदा प्रभावित दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। रोजगार के अभाव में पूरी घाटी में पलायन तेजी से बढ़ रहा है। पलायन रोकने के वजाय स्थानीय लोगों को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की भावनाओं के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने दूंगा, इसके लिए विधायकी भी छोडऩी पड़े तो पीछे नहीं हटूंगा।

मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए विधायक भरत सिंह चौधरी ने यह शब्द कहे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा संचालन के लिये बाहरी फर्म को प्रीपेड काउंटर संचालन करने का ठेका दिया गया है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे किसी भी कीमत पर बाहरी फर्म को गौरीकुंड में प्रीपेड काउंटर संचालित नहीं करने देंगे। आवश्यकता पड़ी तो वे गौरीकुंड में धरना भी देंगे और स्थानीय हक-हकूकों के लिए विधायकी भी छोडऩी पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे।

विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि बाहरी फर्म को प्रीपेड काउंटर संचालन का ठेका दिये जाने से स्थानीय बेरोजगारों के हक-हकूक और अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है। आपदा के बाद से ही केदारघाटी और रुद्रप्रयाग में बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है। स्थानीय बेरोजगारों के हितों की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से बाहरी राज्य की किसी फर्म को प्रीपेड काउंटर संचालन करने का ठेका दिया जा रहा है, यह सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। टेंडर में इस तरह के नियम एवं शर्ते रखी गई थी, जिसमें स्थानीय या फिर उत्तराखंड का कोई भी व्यक्ति हिस्सा न ले सके।

उन्होंने कहा कि प्रशासन को जल्द ही यह टेंडर निरस्त कर देने चाहिये और स्थानीय लोगों को यह काम सौंप देना चाहिये। विधायक श्री भरत सिंह चौधरी ने कहा कि स्थानीय लोग भी प्रीपेड काउंटर का संचालन करने में सक्षम हैं। पूर्व में भी स्थानीय जनता ही प्रीपेड काउंटर का संचालन करती थी, लेकिन आपदा के बाद से स्थानीय जनता से इस कार्य को छीना गया और बाहरी फर्म और बाहरी लोगों को कार्य दिया गया। जिससे यहां के लोगों का रोजगार समान्त हो गया। श्री चौधरी ने कहा कि गौरीकुंड में प्रीपेड काउंटर का संचालन किसी भी हाल में मेरे जीते-जी बाहर की किसी भी फर्म को यहां पर नहीं करने दिया जायेगा। स्थानीय जनता केदारनाथ तक घोडे-खच्चरों का संचालन करने, यात्रियों को सुरक्षित केदारनाथ पहुंचाने में सक्षम है।

चार वर्षों से रोजगार के लिये भटक रहे आपदा पीडि़त केदारघाटी के बेरोजगार

रुद्रप्रयाग। तीन मई से शुरू हो रही विश्व प्रसिद्घ केदारनाथ धाम की यात्रा में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग जोर-शोर से उठने लगी हैं। स्थानीय बेरोजगार युवाओं का कहना है कि पूर्व कांग्रेस के साथ ही अब नई भाजपा सरकार का ध्यान स्थानीय आपदा पीडि़तों को रोजगार देने पर नहीं है। आपदा पीडि़त आज भी रोजगार की तलाश में दर-बदर भटक रहे हैं।

दरअसल, केदारघाटी की 80 प्रतिशत आबादी भगवान केदारनाथ की यात्रा पर निर्भर है। छह माह यात्रा सीजन चलने के दौरान केदारघाटी के लोग होटल, लॉज, घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी के साथ ही अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों का संचालन करके अपना रोजगार चलाते हैं, लेकिन आपदा के बाद से स्थिति परवर्तित हो गई है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक 14 किमी पैदल मार्ग पर हजारों लोग छोटे-छोटे कारोबार करके अपनी आजीविका चलाते थे, लेकिन आपदा में सबकुछ तबाह हो गया। चार वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं हो पाये हैं। कई आपदा पीडि़त तो रोजगार न मिलने के कारण यहां से पलायन कर चुके हैं, जबकि कई लोगों को अभी भी रोजगार मिलने की उम्मीद हैं।

आपदा के बाद से शासन-प्रशासन ने सभी यात्रा जिम्मेदारियों अपने हाथों में ले ली हैं, जबकि आपदा से पूर्व स्थानीय लोग ही यात्रा का संचालन करते थे। प्रशासन की ओर से जो भी दुकानें यात्रा पड़ावों, पैदल मार्ग पर बनाई जा रही हैं। उनका आवंटन लाटरी के माध्यम से किया जा रहा है। ऐसे में कुछ ही लोगों को रोजगार मिल रहा है। अधिकांश लोगों को रोजगार नहीं मिल पा है। रोजगार न मिलने के अभाव में बेरोजगार आपदा पीडि़तों के सम्मुख कई समस्याएं खड़ी हो गई हैं।

केदारघाटी रोजगार बचाओं संघर्ष समिति के दिवाकर गैरोला ने कहा कि रोजगार न मिलने की दिशा में आपदा पीडि़त जनता के सम्मुख कई समस्याएं खड़ी हो गई है। रोजगार न मिलने से आपदा पीडि़त दर-बदर भटक रहे हैं। आपदा के चार वर्षों बाद भी रोजगार की दिशा में कोई कार्य ना होना सरकार की नाकामयाबी को दर्शाता है। उप्होंने कहा कि यदि स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं तो जोरदार विरोध होगा।

वहीं केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने भी रोजगार के साधन उपलब्ध न होने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उप्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा पूंजीपतियों के हाथों में सिमटती जा रही है, जिस कारण स्थानीय लोगों में केदारनाथ यात्रा और परम्पराओं के प्रति निराशाजनक भाव पैदा होता जा रहा है, जो कि केदारनाथ यात्रा के लिये शुभ संकेत नहीं है। उन्होने  कहा कि स्थानीय जनता को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने चाहिये। केदारघाटी की जनता का रोजगार छह माह तक भगवान केदारनाथ की यात्रा पर ही निर्भर है। श्री रावत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता है और लोगों से रोजगार छीना जाता है तो, उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

भाजयुमो ने फूंका प्रशासन का पुतला

रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड प्रीपेड काउंटर संचालन करने का जिम्मा बाहरी फर्म को दिये जाने के विरोध में भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन करते हुये प्रशासन का पुतला दहन किया।

युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि किसी भी कीमत पर बाहरी फर्म को प्रीपेड काउंटर का संचालन नहीं करने दिया जायेगा। भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुये कहा कि केदारनाथ यात्रा में संचालित होने वाले प्रीपेड काउंटर का जिम्मा बाहरी राज्य की फर्म को दिये जाने से स्थानीय लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। प्रशासन नहीं चाहता है कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले।

उन्होंने  कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने बाहरी फर्मों को यहां बसाया है। रुद्रप्रयाग का पैंसा बाहरी राज्यों में जा रहा है और यहां के लोग सिर्फ मुंह ताकते जा रहे हैं और वर्षभर बेरोजगार घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि टेंडर को निरस्त करके स्थानीय लोगों को रोजगार न मिला तो प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जायेगा। इस मौके पर भाजपा युवा मोर्चा महामंत्री विकास डिमरी, युवा नेता विक्रांत खन्ना, उपाध्यक्ष दीपक सिलोड़ी, गौरव चौधरी आदि मौजूद थे।