NH घोटाले मामले में आईएएस चंद्रेश कुमार यादव को हिदायत के साथ मिली क्लीन चिट

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2002

IAS  हरिश्चंद्र सेमवाल भी अनियमितताओं के आरोप से हुए बरी 

IAS चंद्रेश यादव को भविष्य के लिए सचेत रहने की दी गई है चेतावनी 

प्रभारी सचिव पंकज पांडेय के खिलाफ अभी भी है विभागीय जांच गतिमान

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

आईएएस सेमवाल को भी क्लीन चिट 

नैनीताल झील विकास प्राधिकरण में सचिव रहते आईएएस हरिश्चंद्र सेमवाल पर भी अनियमितताओं के आरोप लगे थे। वे 2013 में प्राधिकरण के सचिव पद पर तैनात थे।
उनके खिलाफ कई आईएएस अफसरों ने विभागीय जांच शुरू की, पर समय-समय पर उनके रिटायर होने पर जांच पूरी नहीं हो पा रही थी।
प्रमुख सचिव आनंदबर्धन ने अंतिम विभागीय जांच पूरी की, जिसमें उन्हें क्लीन चिट देकर सलेक्शन ग्रेड भी दे दिया है । 
देहरादून :एनएच घोटाला उजागर होने पर सरकार ने 25 मार्च, 2017 को सात पीसीएस अफसरों को तत्काल निलंबित कर दिया था। जबकि एक पीसीएस अधिकारी इस दौरान सेवानिवृत भी हो चुके थे। लेकिन मामले की गंभीरता से एसआईटी जांच के दायरे में आने के बाद उत्तराखंड के दो चर्चित आईएएस अधिकारी डॉ. पंकज पांडे और चंद्रेश कुमार यादव के आने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
अब सरकार ने यूएसनगर के चर्चित एनएच घोटाले में आरोपी बनाए गए आईएएस चंद्रेश कुमार यादव को क्लीन चिट देते हुए उन्हें सलेक्शन ग्रेड भी दे दे दिया है। अलबत्ता, उन्हें भविष्य के लिए सचेत रहने की चेतावनी दी गई है। अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) राधा रतूड़ी की तरफ से यह आदेश किए गए। उच्च पदस्थ सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।  
हालांकि, चंद्रेश यादव और पंकज पांडेय को कुछ समय बाद बहाल भी किया गया। आईएएस चंद्रेश के खिलाफ विभागीय जांच, प्रमुख सचिव आनंदबर्धन कर रहे थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अब उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।  सलेक्शन ग्रेड भी दिया गया: 2005 बैच के आईएएस चंद्रेश के साथ अन्य आईएएस अधिकारियों को वर्ष 2018 में सलेक्शन ग्रेड मिल गया था।
सरकार ने उन्हें बैकडेट में सलेक्शन ग्रेड दे दिया है। अब उनका प्रभारी सचिव बनने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं प्रभारी सचिव पंकज पांडेय के खिलाफ अभी भी विभागीय जांच गतिमान है। सचिव भूपिंदर कौर औलख के वीआरएस लेने के बाद जांच भी प्रमुख सचिव आनंदबर्धन को सौंपी गई है।