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पहाड़ी पत्थर हूँ मिट्टी में मिल जाऊँगा लेकिन टूटुंगा नहीं : हरीश रावत


देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने फेसबुक पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ ताकतें मुझे मिटाने पर तुली हुई हैं, लेकिन मैं मिटूंगा अवश्य, परंतु उत्तराखंडी गंगलोड़ की तरह लुढ़कते-लुढ़कते, घिसते-घिसते इस मिट्टी में मिल जाऊंगा, परंतु टूटूंगा नहीं।’ ऐसा नहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पहली बार इस तरह की पीड़ा सार्वजनिक की हो इससे पहले भी भी अपने मन की व्यथा सोशल मीडिया के माध्यम से सामने रखते रहे हैं।
फेसबुक पर एक पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘मेरे राजनीतिक जीवन में एक बार और दुर्दश, दुर्घष चुनौतीपूर्ण क्षण आ रहा है। कुछ ताकतें मुझे मिटा देना चाहती हैं। मैं मिटूंगा अवश्य, परंतु उत्तराखंडी गंगलोड़ (पर्वतीय क्षेत्र में नदियों, गदेरों के इर्द-गिर्द मिलने वाला गोल पत्थर) की तरह लुढ़कते-लुढ़कते, घिसते-घिसते इस मिट्टी में मिल जाऊंगा, परंतु टूटूंगा नहीं।’Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.