परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद को सिंचाई विभाग की ज़मीन कब्ज़ाने के मामले में हाईकोर्ट का नोटिस

गंगा के अंदर 90 फीट तक चिदानंद महाराज ने अवैध तरीके से पुल बनवा दिया

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आरोप : गंगा में कूड़ा भी डाल रहे हैं चिदानंद के भक्त

मांग : अवैध निर्माण पर शीघ्र कार्रवाई की मांग

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नैनीताल : परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती को हाईकोर्ट ने गंगा नदी पर स्थित सिंचाई विभाग की ज़मीन कब्ज़ाने के मामले में हाईकोर्ट ने चिदानंद सरस्वती, राज्य सरकार, डीएम, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को 4 हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिये।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पर आश्रम के सामने सिंचाई विभाग की ज़मीन पर आरती स्थल के नाम पर निर्माण करने का आरोप लगाया है। याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि परमार्थ निकेतन प्रबंधन इसे शादी समेत अन्य आयोजनों के लिए किराए पर भी देता है।

याचिका में कहा गया है कि चिदानंद महारजा के भक्त गंगा में कूड़ा भी डाल रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि गंगा के अंदर 90 फीट तक चिदानंद महाराज ने अवैध तरीके से पुल बनवा दिया है।जबकि गंगा नदी तट की यह भूमि सिंचाई विभाग की है।

याचिकाकर्ता ने याचिका में ज़िला प्रशासन पौड़ी और ऋषिकेश -हरिद्वार विकास प्राधिकरण को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कई बार जागरूक लोगों ने इसकी शिकायत भी की है लेकिन अपने रसूख का इस्तेमाल कर बाबा ने सारे मामले रुकवा दिए।

याचिका में हाईकोर्ट से मांग की गई है कि इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने पूरे मामले को सुनने के बाद सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया है।