- बाहर के लोगों को राज्य में जमीन खरीदने के लिये कोई कानून हैं क्या ?
कमल जगाती
नैनीताल :- उत्तरकाशी में बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या मामले का उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए और सख्त रुख अपनाते हुए मंगलवार को हाई कोर्ट की खंडपीठ सुनवाई की। उच्च न्यायालय ने मामले में सरकार को 48 घण्टे में सारे जिलों में एस.आई.टी.गठित करने के निर्देश दिए हैं । कोर्ट ने मीडिया को भी कहा है कि वो ऐसे मामलों पर पीड़ित व उनके परिवारों की पहचान प्रदर्शित न करे। मामले में देहरादून सहित सूबे के तमाम जिलों में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने सरकार को कम से कम समय में एस.आई.टी.का गठन कर जल्द जांच रिपोर्ट देने को कहा है । खण्डपीठ नेमृतक युवती के पूरे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी कहा है ।
न्यायालय ने अधीनस्थ अदालतों को ऐसे मामलों में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से त्वरित सुनवाई करते हुए निर्णय देने को कहा है । न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि वो रेप और हत्या जैसे जघन्य मामलों में मौत की सजा का प्रावधान का कानून कब तक लाएंगे ?
न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या उन्होंने हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखण्ड से बाहर के लोगों को राज्य में जमीन खरीदने के लिये कोई कानून बनाए हैं ? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से सख्ती से पूछा है कि वो रेप के बाद हत्या जैसे अपराधों के लिए कब तक मौत की सजा का प्रावधान करने जा रही है। वहीँ जो बाहरी राज्यों के लोग यहां जमीन खरीद फरोख्त कर बस रहे हैं उनके लिए अब तक सरकार ने क्या कानून अब तक बनाए गए हैं। इन सब पर सरकार को अपना जवाब दाखिल करना है।