हल्द्वानी महिला हत्याकांड में तीन को होगा पॉलीग्राफ टेस्ट

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  • पॉलीग्राफ टेस्ट की सुविधा केवल है सीबीआई के पास
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । गोरा पड़ाव में अगस्त में घर में घुसकर हुई महिला की जघन्य हत्या में पुलिस फिर सक्रिय हो गई है। चर्चित हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने दो युवतियों और एक युवक को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अदालत से तीनों के लाई डिटेक्टर टेस्ट (पॉलीग्राफ टेस्ट) की अनुमति मांगी। अदालत ने तीनों के बयान के आधार पर पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दे दी है। 
27 अगस्त की रात में गोरा पड़ाव में हमलावरों ने घर में घुसकर एक महिला की हत्या कर दी थी। हत्यारों ने बेटी पर भी हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने विभिन्न गैंगों के सदस्यों, चालकों, ट्रांसपोर्ट से जुडेत्र लोगों, मजदूरों समेत पांच सौ अधिक लोगों से पूछताछ की थी। करीब छह सौ लोगों के मोबाइल भी सर्विलांस पर लगाए गए थे लेकिन पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी।
इसके बाद हाईकोर्ट ने हत्याकांड में स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। डीजीपी ने एएसपी अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। इस मामले में दो युवतियों और एक युवक ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए पुलिस को सहमति दी थी। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे के लिए तीन लोगों को कोर्ट में पेश कर बयान दर्ज कराया गया।
लाई डिटेक्टर या पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया के लिए पुलिस पहले संबंधित व्यक्ति की सहमति लेती है। इसके बाद जिस व्यक्ति का पॉलीग्राफ टेस्ट होना होता है उसे न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाता है। कोर्ट में उसका बयान दर्ज किया जाता है। अगर संबंधित व्यक्ति पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए हां करता है तो कोर्ट इसकी अनुमति दे देता है। पॉलीग्राफ टेस्ट की सुविधा सीबीआई के पास है। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पुलिस सीबीआई से पॉलीग्राफ टेस्ट का अनुरोध करती है। इसके बाद सीबीआई की दिल्ली स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के वैज्ञानिक टेस्ट के  लिए तारीख तय करते हैं।