राज्यपाल ने प्रदेश की 18 मातृशक्ति को साहसिक प्रयासों पर दिया ”तीलू रौतेली” पुरस्कार

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उत्पीड़न के विरूद्ध आवाज उठाने में पीछे न हटे महिलाएं 

ज्यादातर सामाजिक अपराधों के पीछे जागरूकता की कमी

महिलाओं,बच्चों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में निरंतर प्रयास :रेखा आर्य 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा है कि महिलाएं किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के विरूद्ध आवाज उठाने में पीछे न हटे। साहसी महिलाएं समाज की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा व आदर्श हैं। ज्यादातर सामाजिक अपराधों के पीछे जागरूकता की कमी देखी जा सकती है। जागरूकता के अभाव में महिलाओं के साथ होने वाले बहुत से अपराध सामने ही नहीं आ पाते। महिलाओं का साथ देने के लिये पुरुषों को भी जागरूक और संवेदनशील बनाया जाना चाहिए।

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने यह विचार गुरूवार को सर्वे चौक स्थित आईआरटीडीए सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार समारोह में प्रतिभाग करते हुए व्यक्त किये। इससे पूर्व राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने वीरांगना तीलू रौतेली की मूर्ति का अनावरण और कामकाजी महिला छात्रावास का उद्घाटन भी किया। 

राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक, खेल-कूद और यहां तक कि अंतरिक्ष और रक्षा-विज्ञान के क्षेत्र में भी हमारी बेटियों ने बुलंदियों को छुआ है। बेटा-बेटी के बीच असमानता को दूर करने में जागरूकता और शिक्षा का प्रभावी उपयोग करना चाहिए। अपनी बेटियों को शिक्षा के सारे अवसर उपलब्ध करा कर हम उन्हें सही मायनों में मजबूत बना सकते हैं। शिक्षा के साथ ही आर्थिक स्वावलंबन जुड़ा हुआ है। शिक्षित महिलाओं के सामने रोजगार तथा स्वरोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होते हंै। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाओं ने उन्हंे हमेशा प्रभावित किया है। 

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि  महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

गुरुवार को राज्यपाल द्वारा प्रदेश की 18 महिलाओं और किशोरियों को विभिन्न क्षेत्रों में तीलू रौतेली  पुरस्कार प्रदान किये गये हैं। इनमें साहसिक कार्य, सामाजिक कार्य, खेल, कृषि, पर्यावरण, कला एवं संस्कृति आदि क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाली महिलाएं और किशोरियाँ शामिल हैं।

अल्मोड़ा से श्रीमती गीता देवी व श्रीमती गंगा बिष्ट, बागेश्वर से कु0 विशाखा, चम्पावत से श्रीमती सीमा देवी, देहरादून से सुश्री नीरजा गोयल, कु. मीताली शाह व श्रीमती आशा कोठारी, पिथौरागढ़ से  श्रीमती लक्ष्मी भट्ट व सुश्री खीमा जेठी, हरिद्वार से श्रीमती बेबी नाज, नैनीताल से श्रीमती कनक चन्द, कु0 समृद्धि बहुगुणा व श्रीमती मुन्नी देवी, उत्तरकाशी से श्रीमती शान्ति ठाकुर, ऊधमसिंह नगर से डाॅ0 ज्योति गांधी, कु. पूजा एवं डा. रजनीश बत्रा व रूद्रप्रयाग से सुश्री नूतन वशिष्ठ को वर्ष 2018-19 के तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

इस दौरान राज्यपाल ने 13 करोड़ 72 लाख रूपये की लागत से बने 96 कमरों वाले अत्याधुनिक वर्किंग वुमन हाॅस्टल का लोकार्पण किया। यह हाॅस्टल उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम द्वारा निर्मित  किया गया है। 

इस अवसर पर सचिव श्रीमती सौजन्या, निदेशक सुश्री झरना कामठान व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।