उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी सरकार: कौशिक

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  • रुड़की में निकाय चुनाव का मामला

एम हसीन

रुड़की। नगर में निकाय चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के साथ तालमेल बनाने के प्रयास में है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने आज शाम ‘परम नागरिक’ के साथ बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी।

गौरतलब है कि रुड़की में निकाय चुनाव का मामला अटका हुआ है। यहां परिसीमन को लेकर सरकार ने चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की है। 15 अक्टूबर को जारी अधिसूचना के तहत जब सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई थी तो नगर के निवर्तमान मेयर यशपाल राणा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रुड़की में तत्काल चुनाव कराने की मांग की थी। उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य
न्यायाधीश राजीव शर्मा ने गत दिवस याचिका का निस्तारण करते हुए सरकार को आदेश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर रुड़की में चुनाव सम्पन्न कराए। हालांकि इस आदेश के बाद सरकारी तौर पर कोई सरगरमी अभी तक दिखाई नहीं दी है लेकिन आज शाम परम नागरिक से बातचीत करते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने सरकार की रणनीति को स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी। उनके इस बयान के बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि अगले कुछ दिनों में नगर में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाए। हालांकि इस मामले में सरकार को अभी काफी कुछ करना है। सबसे पहला मसला तो परिसीमन का है। 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आठ गांवों को शामिल कर नगर का जो स्वरूप परिसीमन के रूप में स्वीकार किया था वह भाजपा सरकार को स्वीकार नहीं रहा है। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इस परिसीमन में बदलाव किया था और दो गांव पाडली व रामपुर को निकाय क्षेत्र से बाहर कर दिया था। यह मामला हाईकोर्ट में चला गया था और सूबे में निकाय चुनाव की देरी का एक बड़ा कारण बना था। जब तक हाईकोर्ट ने भाजपा सरकार की अधिसूचना को नियम विरोधी मानकर निरस्त किया तब तक निकाय चुनाव प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई। इसी कारण सरकार को छह माह के लिए निकायों में प्रशासक नियुक्त करने पड़े। लेकिन समस्या यह है कि हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश आ जाने के बावजूद भी सरकार ने निकाय चुनाव की प्रक्रिया रुड़की को छोड़कर ही शुरू की। परिणामस्वरूप मामला फिर अदालत में गया। दरअसल रुड़की का परिसीमन अब भी बड़े गतिरोध का कारण बना हुआ है। रामपुर और पाडली को निकाय क्षेत्र से बाहर करने की अपनी मुहिम में नाकाम होने के बाद राज्य सरकार ने 14 नए गांवों को निकाय क्षेत्र में शामिल करने की अधिसूचना जारी कर नए परिसीमन की प्रक्रिया प्रारम्भ की थी जो अभी अधर में लटकी हुई है। इसे लेकर विरोध के स्वर भी उभर रहे हैं। कुछ गांवों के लोग निकाय में शामिल होना चाहते हैं और कुछ के नहीं। दूसरी ओर, इस मामले में अभी तक सरकार ने आपत्तियां भी आमन्त्रित नहीं की हैं। जाहिर है कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करना सरकार के लिए हंसी खेल साबित नहीं होगा। उसके बाद मतदाता सूचियों का पुनिरीक्षण, वार्डों का गठन और निकाय व वार्डों का आरक्षण समय लेने वाला काम साबित होगा। हालांकि हाईकोर्ट के मौजूदा निर्देश को खारिज करना या चुनाव को और अधिक लटकाना सरकार के लिए तकलीफदेह साबित हो सकता है फिर भी यह नहीं माना जाना चाहिए कि निकाय चुनाव रुड़की में तत्काल होने के सम्भावना है। सरकार की सहमति के बावजूद इसमें समय लगने की सम्भावना बनी ही रहने वाली है।