सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान ब्रह्मा जी के कमंडल से मां गंगा के धरती पर अवतरण दिवस है गंगा दशहरा

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राजा भागीरथ के कठोर तप द्वारा मां गंगा के धरती पर अवतरण दिवस

कमल किशोर डुकलान

गंगा दशहरा पर्व

आज के दिन को सृष्टि के सृजनकर्ता भगवान ब्रह्मा जी के कमंडल से राजा भागीरथ के कठोर तप द्वारा मां गंगा के धरती पर अवतरण दिवस गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है।  पौराणिक कथा के अनुसार कपिल मुनि के श्राप से महाराजा सगर के साठ हजार पुत्र भस्म हो गए थे.उनकी मुक्ति के लिए महाराजा सगर के पुत्र अंशुमन ने गंगा को पृथ्वी पर लाने का प्रयास किया लेकिन वे असफल रहे. अंशुमन के पुत्र दिलीप भी मां गंगा को पृथ्वी पर नहीं ला सकें. दिलीप के पुत्र भागीरथ की अनेक वर्षों की तपस्या के कारण सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी ने अपने कमण्डल से गंगाजी को पृथ्वी पर अवतरित किया।
गंगा के भारी वेग संभालने के लिए सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी जी की आज्ञा पर राजा भागीरथ ने भगवान शिव को तप द्वारा प्रसन्न कर गंगा का वेग संभालने का अनुरोध किया। राजा भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां गंगा को अपनी जटाओं में समा लिया था. आज ही के दिन भगवान शिव की इन्हीं जटाओं से मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई. इसके बाद गंगा बहती हुई कपिल मुनि के आश्रम में पहुंची जहां महाराजा सगर के साठ हजार पुत्रों को श्राप से मुक्ति मिली थी। राजा भगीरथ के कठोर तप के कारण मां गंगा का नाम भागीरथी भी पड़ा। 
पृथ्वी पर अवतरित होने से पहले गंगा नदी स्वर्ग लोक का हिस्सा हुआ करती थीं। गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्रतम नदी माना जाता है, इस कारण उन्हें सम्मान से माँ गंगा अथवा गंगा मैया के नाम से भी पुकारते हैं,तथा माता के समान पूजा जाता है। मान्यता है कि इस दिन की मान्यता है,कि पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। 
आधारित बिष्णु पुराण धारावाहिक
वैश्विक संक्रमण बचाव को लेकर जानमाल की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन की समय-सीमाएं बढ़ रही है। इस बीच भारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अपने दूरदर्शन चैनलों पर रामायण, महाभारत, बिष्णुपुराण जैसे धार्मिक धारावाहिकों का प्रसारण जारी रखे हुए हैं। लॉकडाउन के शुरुआत में सोशल मीडिया पर जबरदस्त मांग के बाद प्रसार भारती ने दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत जैसे धारावाहिकों की वापसी हुई। इसके बाद दोनों ने ही रिकॉर्ड तोड़ टीआरपी कमाई। अब जब रामायण के सभी एपिसोड के प्रसारण के बाद दूरदर्शन भारती पर विष्णु पुराण धारावाहिक दिखाया जा रहा है। बीआर चोपड़ा कृत विष्णु पुराण भगवान विष्णु के महिमा की कथा पर आधारित धारवाहिक है।
विष्णुपुराण भगवान वेदव्यास जी द्वारा रचित अट्ठारह पुराणों में से अत्यन्त प्राचीन महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है। इसके प्रतिपाद्य भगवान विष्णु हैं, जो सृष्टि के आदिकारण, नित्य, अक्षय, अव्यय तथा एकरस हैं। इस पुराण में आकाश,समुद्र, सूर्य आदि भूतों का परिमाण, पर्वत, देवतादि की उत्पत्ति, मन्वन्तर, कल्प-विभाग, सम्पूर्ण धर्म एवं देवर्षि तथा राजर्षियों के चरित्र का विशद वर्णन है। इस धारावाहिक में भगवान विष्णु प्रधान होने के बाद भी यह पुराण विष्णु और शिव के अभिन्नता का प्रतिपादक है। विष्णु पुराण में मुख्य रूप से श्रीकृष्ण चरित्र का वर्णन है, यद्यपि संक्षेप में राम कथा का उल्लेख भी प्राप्त होता है। अष्टादश महापुराणों में श्री विष्णुपुराण का स्थान बहुत ऊँचा है।
इसमें अन्य विषयों के साथ भूगोल,ज्योतिष, कर्मकाण्ड, राजवंश और श्रीकृष्ण-चरित्र आदि कई प्रंसगों का बड़ा ही अनूठा और विशद वर्णन मिलता है। श्री विष्णु पुराण में ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, वर्ण व्यवस्था, आश्रम व्यवस्था, भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की सर्वव्यापकता, ध्रुव प्रह्लाद, वेनु, आदि राजाओं का वर्णन एवं उनकी जीवन गाथा, विकास की परम्परा, कृषि गोरक्षा आदि कार्यों का संचालन, भारत आदि नौ खण्ड मेदिनी, सप्त सागरों के वर्णन, अद्यः एवं अर्द्ध लोकों का वर्णन, चौदह विद्याओं, वैवस्वत मनु, इक्ष्वाकु, कश्यप, पुरुवंश, कुरुवंश, यदुवंश के वर्णन, कल्पान्त के महाप्रलय का वर्णन आदि विषयों का विस्तृत विवेचन किया गया है। भक्ति और ज्ञान की प्रशान्त धारा तो इसमें सर्वत्र ही प्रच्छन्न रूप से बह रही है। यद्यपि यह पुराण विष्णुपरक है।