शीतकालीन सत्र में पास होगा गंगा एक्ट : उमा भारती

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  • गंगा एक्ट को दो सप्ताह के भीतर कैबिनेट में लाएंगे :उमा भारती 
  • कानून बनने तक जारी रहेगा गंगा  के लिए उपवास : स्वामी सानंद 
  • प्रधानमंत्री मोदी, सानंद की तपस्या और समाज की सोच में एकरूपता से बचेगी  गंगा 

HARIDWAR : स्वामी ज्ञानस्वरूप सांनद उर्फ प्रो. जीडी अग्रवाल का आमरण अनशन समाप्त कराने के लिए मातृसदन पहुंचीं केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को निराश लौटना पड़ा। करीब पौने तीन घंटे चली वार्ता के बाद स्वामी सानंद ने गंगा एक्ट के अस्तित्व में आने तक अनशन समाप्त करने से साफ इंकार कर दिया। स्वामी सांनद ने कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों को लेकर गंभीर होती तो बीते संसदीय सत्र में गंगा एक्ट बिल को पारित कर दिया जाता।

वहीँ वार्ता विफल हो जाने के बाद शनिवार केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दो सप्ताह के भीतर कैबिनेट में गंगा एक्ट लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि गंगा के लिए जो बेहतर योजना बनाई जा रही है, आज तक दुनिया की किसी नदी के लिए नहीं बनी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सानंद की तपस्या और समाज की सोच में एकरूपता आने से ही गंगा को बचाने की बात कही। उन्होंने कहा गंगा को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह गंभीर है। गंगा की रक्षा के लिए एक समग्र मसौदा तैयार कर विशेष कानून बनाया जा रहा है। इसे संसद केे इसी सत्र में लाया जाना था। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हो सका। संसद के शीतकालीन सत्र में इस नए कानून को सदन में पेश किया जाएगा।

उमा भारती ने डामकोठी में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि गंगा की रक्षा के लिए एक्ट पर लंबे समय से काम चल रहा है। एक्ट लगभग तैयार है और दो सप्ताह में कैबिनेट में लाया जाएगा। चूंकि नवंबर आने से पहले मानसून सत्र समाप्त हो जाएगा, इसलिए शीतकालीन सत्र में एक्ट पास होगा। सानंद हमारे गुरु और बड़े भाई जैसे हैं, उनका गंगा के लिए बहुत योगदान है। मदन मोहन मालवीय के बाद यदि किसी ने गंगा के लिए काम किया तो सांनद का नाम सबसे ऊपर है। उनकी तपस्या से एक्ट लाने में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सानंद की फोन पर बात कराई गई। सानंद ने जो भी बातें रखी हैं वे पहले से ही एक्ट में शामिल की गई हैं।

उमा भारती ने कहा कि गंगा के लिए जो योजना बनाई गई दुनिया की किसी भी नदी के लिए आजतक नहीं बनी। टेम्स और राइन आदि दुनिया की नदियों को बचाने में 70-80 वर्ष लगे हैं, लेकिन हम बहुत तेजी से काम कर रहे हैं और उनके एक चौथाई समय में काम पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी, नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से कोई कमी नहीं रखी जाएगी।

उमा भारती की पत्रकार वार्ता से पहले स्वामी सानंद ने बताया कि उमा भारती ने उनको आश्वासन दिया कि दस अगस्त तक चलने वाले सत्र के दौरान गंगा एक्ट बिल को संसदीय पटल पर रखा जाएगा। स्वामी सांनद ने कहा उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में मानसून सत्र के दौरान गंगा एक्ट को पास कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार गंभीर होती तो गंगा एक्ट बिल को संसद पास कराती न कि आश्वासन देती। स्वामी सानंद ने कहा उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए निमंत्रण दिया था। लेकिन  इस पर भी केंद्रीय मंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं आया।

स्वामी सानंद ने बताया सरकार द्वारा तैयार गंगा एक्ट (नेशनल रिवर गंगा कॉरेपोरेशन) में एक बार फिर सभी जिम्मेदारी सरकारी अधिकारियों को सौंपी जा रही है। जबकि यही कर्मचारी सही मायने में गंगा की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि गंगा महासभा ने साल 2012 में केंद्र सरकार को नेशनल रिवर गंगा (कन्सरवेशन एंड मेनेजमेंट) एक्ट का ड्राफ्ट सौंपा था। स्वामी सानंद ने कहा कि जस्टिस गिरधर मालवीय, जस्टिस एसएस कुलश्रेष्ठ, एडोवोकेट एमसी मेहता, सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पारितोष त्यागी आदि ने उनके साथ मिलकर एक्ट की ड्राफिटंग की थी।

स्वामी सानंद ने कहा कि अगर सरकार गंगा की अविरलता और स्वच्छता के प्रति सकारात्मक सोच रखती है तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके साथ हरिद्वार में बैठक कर ड्राफ्ट को लेकर चर्चा करें। स्वामी सानंद ने कहा कि अब एक्ट पास होने के बाद ही वे अनशन समाप्त करेंगे।