उत्तराखंड में शराब पर लगे पूर्ण पाबंदी : शंकराचार्य

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हरिद्वार। ज्योतिष और द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड में शराब सहित सभी नशीली वस्तुओं पर पाबंदी लगनी चाहिए। कहा कि शराब गरीबों के घर बर्बाद कर रही है। धार्मिक स्थलों पर भी शराब का सेवन बढ़ रहा है। इसलिए यहां शराब पर पूर्ण पाबंदी जरूरी है।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि देवभूमि में किसी भी प्रकार का नशा पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए। उन्होंने शराब बिकवाने के मामले पर राज्य सरकार के कोर्ट में जाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने संतों से राम मंदिर निर्माण में सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए रामालय ट्रस्ट प्रयासरत है और दुनिया के करोड़ों हिंदुओं की आस्था राम मंदिर में है। उन्होंने गंगा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए गंगा के किनारे पर चल रही रासायनिक औद्योगिक इकाइयों को बंद करने की मांग की

बुधवार को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि शराब पर पाबंदी नहीं होने से बदरीनाथ जैसे पवित्र धाम में भी शराब का सेवन हो रहा है। रात में वहां इतने लोग शराब पीकर घूमते हैं कि श्रद्धालुओं का बाहर निकलना तक मुश्किल होता है।

उन्होंने यहां तक कहा कि बदरीनाथ की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए कि वह शराब का सेवन करते हैं कि नहीं? शंकराचार्य ने कहा कि पहले वहां धार्मिक भाव से श्रद्धालु आते थे। आज कई लोग सिर्फ घूमने फिरने के मकसद से आते हैं और शराब का सेवन करते हैं। ऐसे में वह पुण्य नहीं पाप कमा रहे हैं।

शंकराचार्य ने कहा कि उत्तराखंड बुद्धिजीवियों और वीर जवानों की धरती है। यहां शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए। 000सरकार को राजस्व चाहिए या गंगा? शंकराचार्य ने गंगा में खनन पर भी सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार गंगा में खनन के लिए राजस्व का हवाला दे रही है। सरकार को बताया जाना चाहिए कि उसे राजस्व चाहिए या गंगा ?

नेता अफसरों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकारी खर्चों में लगातार वृद्धि की जा रही है, उसका परिणाम गंगा क्यों भोगे। शंकराचार्य ने कहा कि गंगा सिर्फ तुम्हारी नहीं पूरे देश की है। गंगा में बिल्कुल भी खनन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले ही गंगा पर कई बांध बनाकर उत्तराखंड में कई गांवों को नष्ट किया जा चुका है। पहाड़ों से हो रहे पलायन का भी यह बड़ा कारण है।

बुधवार को हरिद्वार जनपद के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से जयराम पीठाधीश्वर ब्रह्मचारी ब्रह्मस्वरूप, सतपाल ब्रह्मचारी, भारत साधु समाज के राष्ट्रीय सचिव स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी शिवानंद, स्वामी ऋषिरामकृष्ण आदि संतों ने मुलाकात की।