पूर्व सीएम हरीश रावत ने बजट को बताया निराशाजनक

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  • बजट में किसी भी वर्ग को कोई लाभ नहीं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार के बजट सत्र को निराशाजनक बताया। हरीश रावत ने राज्य सरकार के बजट 2019-20 के बारे में कहा कि इससे किसी वर्ग को कोई लाभ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस बजट में महापाप देखने को मिला है। सरकार ने उत्तराखंड जमीदारी विकास संसोधन कर सूबे में भूमाफिया को खुली छूट दे दी है।
यहां सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार के बजट पर जमकर निशाना साधा। हरदा ने कहा कि राज्य सरकार के इस बजट में न तो प्रदेश को तवज्जो मिली है और न ही बेरोजगारी की समस्या का कोई समाधान दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 9 लाख से अधिक पंजीकृत युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार अपनी ग्रोथ रेट ऊपर बता रही है तो बीते तीन साल में सरकार बेरोजगारी दूर करने में क्यों पिछड़ गई।
हरदा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में राज्य में बेरोजगारी वृद्धि दर 2 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 9 प्रतिशत हो गई है। हरदा ने त्रिवेंद्र सरकार के बजट पर कहा कि कहा कि सोशल सेक्टर में राज्य का बजट घटा है। परिवहन, सिंचाई और उद्योग के बजट में भी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पहली इन्वेस्टर मीट के बाद कई उद्योग बंद हो गए और कई बड़ी कंपनियों ने निवेश में अपने हाथ पीछे खींच लिए। जहां राज्य पहले उद्योगों के मामले में 9वें पायदान पर था आज वह 11वें नंबर पा आ गया है।
हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार के इस बजट में महापाप देखने को मिला है। सरकार ने उत्तराखंड जमीदारी विकास संसोधन कर सूबे में भूमाफिया को खुली छूट दे दी है। हमारी जमीन को अडानी और अन्य बड़ी कंपनियां हड़प लेगी। जहां राज्य में कृषि पलायन को रोकने का एक बड़ा माध्यम बन सकती थी। वहीं, सरकार की नीतियों से पिछले 2 सालों में 50 हजार से ज्यादा किसानों ने खेती छोड़ दी है।