पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी कोठियों में रहने का किराया करना होगा जमा : हाई कोर्ट

हाई कोर्ट नैनीताल ने बकाया माफ करने सम्बंधित पुनर्विचार याचिका को किया पूरी तरह से खारिज

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हाई कोर्ट ने नहीं दी पूर्व मुख्यमंत्रियों को किसी भी तरह की राहत

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी कोठियों में रहने सहित अन्य सुविधाओं पर किसी भी तरह की राहत देने से साफ़ इंकार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा बकाया माफ करने सम्बंधित पुनर्विचार याचिका को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

याचिका पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा व भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चन्द्र खुल्बे की खण्डपीठ ने आज फैसला सुनाते हुए पुनर्विचार याचिका  निरस्त कर दी है। इसके बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को बकाया किराया जमा करना होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी व विजय बहुगुणा ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री काल का किराया बाजार दर पर वसूलने के आदेश पर पुनर्विचार की अपील की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी ने अपनी पुनर्विचार याचिका में कहा है कि उनसे 30500 रु प्रतिमाह की दर से किराया वसूला जा रहा है । कोश्यारी ने कहा है कि जो आवास उन्हें आवंटित हुआ था वह सिंचाई विभाग की सम्पत्ति है और किराया भी सिंचाई विभाग को वसूलना चाहिए जबकि उन्हें किराए का नोटिस सरकार की ओर से दिया गया है ।

इसी तरह पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने भी बाजार दर पर किराया वसूलने के आदेश पर पुनर्विचार की अपील की है । बहुगुणा के आवास का किराया प्रतिमाह करीब 39 हजार निर्धारित किया गया है। कोश्यारी पर कुल 47 लाख व विजय बहुगुणा पर 37 लाख का सरकारी पैसा बकाया है ।