देवभूमि मीडिया ब्यूरो
KOTDWAR : पौड़ी जिले का कोटद्वार क्षेत्र पिछले साल की आपदा से उबर भी नहीं पाया था कि इस बार एक बार फिर भारी बारिश ने यहाँ कहर बरपा दिया है। बारिश से क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर हैं। नदियों की पानी मलबे के साथ लोगों के घरों में घुस गया है, जिससे क्षेत्र में पांच मकान ध्वस्त हो गए हैं। आमपड़ाव में एक महिला बच्चों को सुरक्षित निकालने के बाद सामान लेने मकान में गई थी, लेकिन मकान गिर गया। जिससे महिला का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। शनिवार को दूसरे दिन भी बारिश नहीं थमने से नदी, नाले उफना गए हैं। पनियाली गदेरे के उफान से जौनपुर में एक झोपड़ी और सुरक्षा दीवार बह गई। आमपड़ाव में दो, शिवपुर, गिंवाईस्रोत और रमेशनगर में एक-एक मकान ध्वस्त हो गए।
बीरोखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांडा मल्ला के तोक गांव बुल्याण गांव में बारिश से छह मकान व गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। प्रभावित परिवार पंचायत भवन में शरण लिए हुए है। बारिश से हीरामणी पुत्र गब्बर सिंह, रमेशचंद्र पुत्र खुशाल मणी, दिल्ला देवी पत्नी नंदन सिंह, मुरारी लाल पुत्र विद्यादत्त, मनवर सिंह पुत्र माल सिंह, गीता देवी पत्नी दयानंद के मकान टूट गए हैं। गांव के सुदर्शन जोशी ने बताया कि प्रभाविताओं को पंचायत भवन व अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। क्षेत्रीय विधायक दलीप रावत के निर्देश पर उपजिलाधिकारी धुमाकोट मौके पर पहुंचे व पीड़ितों को राशन आदि की व्यवस्था कराई। कांडा मल्ला की प्रधान सुरेशी देवी, बाघ सिंह, महिपाल सिंह ने क्षतिग्रस्त गोशालाएं तोड़कर सात मवेशी बचाए।
आमपड़ाव में पनियाली गदेरे से सटे दो मकान ढह गए। मकान के ढहने के दौरान वहां किराए पर रहने वाली महिला पूनम (32) पत्नी ओमपाल लापता हो गई। परिजनों ने महिला के मलबे में दबने या फिर बहने की आशंका जताई है। एसडीएम कमलेश मेहता ने देवीरोड स्थित पुलिया पर फंसे पेड़ को जेसीबी से हटवाकर बाढ़ का पानी आबादी में घुसने से रोका। बारिश से बदरीनाथ मार्ग पर पहाड़ी से आए मलबे ने कार्बेट टाइगर रिजर्व के रिसेप्शन सेंटर की दीवार तोड़ दी। वहीं मलबा आने से कोटद्वार-पौड़ी हाईवे बाधित हो गया। नजीबाबाद रोड पर भी एनएच पर सुखरो पुल की जमीन दरकने से खतरनाक बन गई है। रिफ्यूजी कालोनी में सैकड़ों घरों में मलबा घुस गया है।
लैंसडौन वन प्रभाग के सिगड्डी स्रोत नदी के उफान में एक गुर्जर डेरा चपेट में आ गया, जिससे गुर्जर की करीब एक दर्जन भैंसें बह गई। भाबर में सुखरो, मालन, खोह, ग्वालगढ़ और तेलीस्रोत गदेरे भी उफान पर हैं। वहीं, गढ़वाल की लाइफ लाइन कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे संख्या-534 कोटद्वार और दुगड्डा के बीच दर्जनभर से अधिक स्थानों पर पहाड़ी से मलबा आने, सड़क के दरकने से बाधित हो गया है। कई स्थानों पर पहाड़ जैसा मलबा आ गया है, जिससे कोटद्वार को शेष गढ़वाल से सड़क संपर्क ठप हो गया है। सूचना मिलते ही हरकत में आए लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग खंड धुमाकोट के इंजीनियरों में मौके पर डेरा डाल लिया है। इंजीनियरों की माने तो सड़क का मलबा हटाकर वैकल्पिक व्यवस्था करने में कम से कम तीन दिन लगेंगे। प्रशासन के निर्देश पर लोनिवि औरपीएमजीएसवाई कोटद्वार-पुलिंडा-ऐता-चरेख-दुगड्डा मार्ग को यातायात के लिए खोलने का प्रयास कर रहे हैं।
कोटद्वार क्षेत्र में भारी बारिश ने शनिवार को कोटद्वार-पौड़ी नेशनल हाईवे को दर्जनभर जगहों पर बाधित कर दिया। पौड़ी हाईवे को कोटद्वार में बद्रीनाथ मार्ग के नाम से जाना जाता है। सिद्धबली मंदिर के पास से ही पौड़ी हाईवे पर मलबा आना शुरू हो गया। डीएफओ लैंसडौन के कार्यालय के सामने की पहाड़ी से आया मलबा कार्बेट टाइगर रिजर्व के रिसेप्शन सेंटर के ग्राउंड फ्लोर की दीवार तोड़ता हुआ हाईवे पर आ गया। सिद्धबली से लालपुल और इससे आगे दुगड्डा तक कम से कम 12 से अधिक स्थानों पर मलबे का पहाड़ जमा हो गया, जिसे पैदल पार करना भी मुश्किल हो गया। सड़क बंद होने से पहाड़ जाने वाले लोग कोटद्वार में ही फंस गए हैं, जबकि कोटद्वार आने वाले लोग दुगड्डा में ही फंस गए हैं। वे सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
एसपी प्रभारी डा. हरीश वर्मा ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत कोटद्वार के तिलवाढांग और दुगड्डा में बैरियर लगाकर ट्रैफिक रोक दिया गया है। कहा कि पैदल चलने वालों को भी आगाह किया गया है। सिद्धबली मंदिर के पास से ही सड़क पर पहाड़ियों से पत्थर और मलबा आने का सिलसिला चल रहा है। कहा कि पौड़ी के लिए वैकल्पिक मार्ग के रुप में कोटद्वार-पुलिंडा होते हुए चरेख-ऐता-दुगड्डा मार्ग को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। एनएच के अधिशासी अभियंता नरेंद्र सिंह का कहना है कि पोकलैंड मंगवा दी गई है। सड़क खोलने में कम से कम तीन दिन का समय लग सकता है।