पिथौरागढ़ में अतिवृष्टि के चलते हुए भूस्खलन से जिंदा दफन हुए पांच लोग  

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टांगा मुनियाल गांव में 11 लोग लापता थे, जिसमें से तीन के शव मलबे में दिखे पांच घायल, 11 लापता

विधायक हरीश धामी ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
पिथौरागढ़ । पिथौरागढ़ से 93 किलोमीटर दूर बंगापानी तहसील के टांगा और गैला गांव में रविवार देर रात हुई अतिवृष्टि ने भारी तबाही मचाई। पहाड़ी से पानी के उफान के साथ हुए भूस्खलन के कारण कई घर जमींदोज हो गए। गैला गांव में दंपती, बेटी की मौत हो गई। पांच लोग घायल हैं। टांगा मुनियाल गांव में 11 लोग लापता हैं, जिसमें से दो के शव मलबे में दिखे हैं। 
गैला गांव में मलबे से तीनों शव निकाल लिए गए हैं। यहां भी तीन मकान ध्वस्त हुए हैं। टांगा के ऊपर पहाड़ी पर 100 से अधिक दरारें पड़ी हैं। पूरे गांव का वजूद संकट में आ गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व और आपदा प्रबंधन की टीम सोमवार को मौके पर पहुंच गई। गैला में तीनों शवों को मलबे से निकाल लिया गया है। ग्रामीणों के अनुसार यह तबाही बादल फटने से हुई है, जबकि एडीएम आरडी पालीवाल के अनुसार बादल नहीं फटा बल्कि अतिवृष्टि के कारण जन-धन का नुकसान हुआ है। एक ही परिवार के 50 वर्षीय शेर सिंह पुत्र रतन सिंह, 45 वर्षीय गोविंदी देवी पत्नी शेर सिंह और 24 वर्षीय ममता पुत्री शेर सिंह की मौत हो गई। दो अन्य मकानों में रहने वाले प्रियंका, ढीला, रुक्मिणी देवी और डिगर सिंह घायल हो गए। शवों और घायलों को ग्रामीणों ने  कड़ी मशक्कत के बाद मलबे से निकाला ।
टांगा गांव बंगापानी से सात किलोमीटर और गैला गांव 12 किलोमीटर दूर है। रविवार को रात 12 बजे बाद इलाके में जबर्दस्त बारिश हुई। ऊपर पहाड़ी से गरज के साथ पानी इकट्ठा होकर नीचे गांव की ओर आ गया। इससे कमजोर पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हो गया। पानी के साथ आया मलबा रास्ते में पड़ने वाले घरों को जमींदोज करता हुआ खेतों में पट गया। घनघोर बारिश और घुप अंधेरे में लोग अपना बचाव भी नहीं कर सके। इन गांवों के रास्तों का नामोनिशान मिट गया है। पहाड़ियां लगातार दरक रही हैं। विधायक हरीश धामी ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। वे खुद और प्रशासन की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान स्थानों पर ले जाने का काम कर रहे हैं। 
बंगापानी तहसील के टांगा मुनियाल गांव में भी बारिश ने कहर बरपाया। पहाड़ से गिरे मलबे में तीन मकान दब गए। 11 लोग लापता हैंं। एक ग्रामीण घायल है। इस गांव तक पहुंचने वाले मार्ग बह जाने तथा चट्टानों के बीच मार्ग नहीं होने से बचाव दल समय से नहीं पहुंच पाए। ग्रामीण लापता लोगों का पता लगाने में जुटे हैं। प्रशासन ने आइटीबीपी मिर्थी से मदद मांगी। मौके पर एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व, आपदा प्रबंधन टीम के साथ आइटीबीपी के जवान भी पह्रंच कर बचाव कार्य चला रहे हैं।
लापता लोगों में जीत राम पुत्र हुड़किया राम, पार्वती देवी पत्नी जीत राम, रोशन कुमार पुत्र जीत राम, माधो सिंह पुत्र चंद्र सिंह,  तुलसी देवी पत्नी माधो सिंह, हीरा देवी पत्नी गणेश सिंह, दिव्यांशु पुत्र गणेश सिंह ,लक्की पुत्री गणेश सिंह, पुष्पा देवी पत्नी भीम सिंह , प्रतिमा देवी पत्नी खुशाल सिंह हैं।