कोहिमा : अगुवाई करने वाली ज्वायंट एक्शन कमेटी (जेएसी) और नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी ने यहां जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी है। इन संगठनों ने पहले से ही नगालैंड में सरकारी दफ्तरों को जबरन बंद कर रखा है।
इस बीच सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने संगठनों से आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है। बयान में कहा गया कि आपात सेवाओं के अलावा किसी और को बंद के दायरे से बाहर नहीं रखा जाएगा।
इसमें आम लोगों से राज्य के हित में बंद से होने वाली दिक्कतों के लिए खेद जताया गया है। एनपीएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने सबसे बड़े संगठन नगा होहो से सलाह-मशविरे के बाद ही शहरी निकायों के चुनाव कराने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का फैसला करना सरकार की संवैधानिक मजबूरी थी। पार्टी ने उम्मीद जताई है कि आंदोलनकारी बातचीत के जरिए इस समस्या के समाधान के लिए आगे आएंगे।