फडणवीस ने दिया सीएम पद से इस्तीफा

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तीन पहिया सरकार नहीं चल पाएगी : देवेंद्र फडणवीस

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : शनिवार सुबह दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रेस कॉन्फेंस कर कहा कि हमारे पास बहुमत नहीं और मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की तीन पहिया सरकार नहीं चल पाएगी। इससे पहले अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ महाराष्ट्र मामले में सु्प्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बैठक करने के बाद मिले निर्देश पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे का ऐलान किया ।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने 27 नवंबर को शाम पांच बजे से पहले महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसका लाइव प्रसारण का भी आदेश दिया है।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिव सेना ने हमें पहले ही कहा था कि जो भी पार्टी उन्हें सीएम पद देने को राजी होगी, हम उसके साथ चले जाएंगे।  फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। इसके बाद तीनों पार्टियां 10 दिन तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तक तय नहीं कर पाए। उनका मकसद सिर्फ भाजपा को हटाकर सत्ता पाना है। उन्होंने कहा कि शिव सेना का हिंदुत्व अब सोनिया जी के चरणों में नतमस्तक है। फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने बताया है कि निजी कारणों की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है। 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने होर्स ट्रेडिंग के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा इसमें विश्वास नहीं रखती। फडणवीस ने कहा कि हम पर घोड़ा बाजार में खरीददारी की आरोप लगता है, लेकिन उन्होंने तो पूरा अस्तबल ही खरीद लिया। फडणवीस ने कहा कि मुझे लगता है कि तीन पार्टियों वाली सरकार का भविष्य लंबा नहीं है। तीन पार्टियों की सरकार अपने बोझ तले दबेगी। तीनों पहियों तीन दिशाओं में चलेंगे और महाराष्ट्र जैसा अगड़ा राज्य की क्या परिस्थिति होगी इसके बारे में मैं कह नहीं सकता। हम विपक्ष में बैठकर जनता के लिए काम करेंगे। गरीबों की आवाज को सरकार तक पहुंचाएंगे। 

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिव सेना और कांग्रेस अलग—अलग विचारधारा की पार्टियां हैं। विपरीत विचारधारा के बाद भी ये तीनों दल सिर्फ सत्ता के लिए साथ आए। जनता ने भाजपा को जनादेश दिया था। मगर हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए अब हम विपक्ष में बैठेंगे और नई सरकार को काम करना सिखाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिव सेना पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमारे शिवसेना भाजपा गठबंधन को दिल खोलकर मतदान दिया। भाजपा को संपूर्ण जनादेश देकर सबसे बड़ी पार्टी बनाया। हमने शिव सेना के साथ ही चुनाव लड़ा। लेकिन यह भाजपा का जनादेश इसलिए कह रहा हूं क्योंकि शिव सेना का 40 फीसदी का स्ट्राइक रेट था और हमारा 60 फीसदी। वो जनादेश गठबंधन को था, लेकिन भाजपा को ज्यादा। 

फडणवीस ने कहा कि चुनाव परिणाम देखने के बाद से यह स्पष्ट हो गया था कि भाजपा अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। इसके बाद से ही शिव सेना ने मोल भाव करना शुरू कर दिया था।

वहीं कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज शाम तीनों दलों की एक बैठक होगी और उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। बैठक में संयुक्त रूप से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इस बैठक में उद्धव ठाकरे को नेता चुना जा सकता है।

इधर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘जनमत’ को अगुवा करने वालों के ‘अल्पमत’ की पोल खुल ही गई। अब साफ़ है कि भाजपा में चाणक्यनीति के मायने प्रजातंत्र का अपहरण है। देवेंद्र फड़नवीस व अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि उनकी सरकार झूठ व दलबदल पर आधारित थी जो ताश के पतों सी गिर गई। आज का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की जबाबदेही भी सुनिश्चित करने का है। 

कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे संवैधानिक लोकतंत्र की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार बना लेंगे। यह सिर्फ देवेंद्र फडणवीस की विफलता नहीं है लेकिन दिल्ली में बैठे लोगों के मुंह पर तमाचा है। कांग्रेस ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। 

जबकि सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि आज संविधान दिवस पर संविधान को मानने वालों की जीत हुई है और नकारने वालों की करारी हार हुई है।