Exit Polls 2018: कांग्रेस तीन राज्यों में भाजपा पर भारी !

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  • 11 दिसंबर को आने वाले हैं असल नतीजे

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मतदान होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे आ गए। भाजपा को अपने सत्तारूढ़ राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। वहीं, राजस्थान में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है, यहां कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त के संकेत हैं। जबकि तेलंगाना में चंद्रशेखर राव की टीआरएस फिर सरकार बनाती दिख रही है। मिजोरम में एमएनएफ सत्ता हासिल कर सकती है, लेकिन कांग्रेस उसे टक्कर दे रही है। अगर 11 दिसंबर को आने वाले असल नतीजे इसी तरह के आते हैं तो लोकसभा चुनाव में रोचक मुकाबले की संभावना बढ़ जाएगी। 

राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन 70-90 सीटों का अंतर होते दिख रहा है। यहां भाजपा को 41.5 फीसदी वोट मिलने के अनुमान हैं तो बीजेपी को 40 फीसद वोट मिल सकते हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा को 42 फीसदी और कांग्रेस को 37 फीसदी वोट मिल रहा है और मुख्यमंत्री रमन सिंह भगवा पार्टी की लाज बचा सकते हैं। वहीं मध्य प्रदेश में भाजपा को 41 से 43 से फीसदी और कांग्रेस को 43 से 45 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। एग्जिट पोल के मुताबिक, मालवा उत्तर इलाके को छोड़कर पूरे मध्य प्रदेश में भाजपा की हालत खराब दिख रही है। चंबल, विंध्य प्रदेश, महाकौशल और मालवा आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस भाजपा भारी पड़ती दिख रही है। 

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ने बढ़ाई दलों की धड़कनें

मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनाने के मुद्दे पर एक्जिट पोल बंटे हुए हैं। कुछ भाजपा की दोनों राज्यों में वापसी बता रहे है, जबकि कुछ कांग्रेस को सत्ता मिलती बता रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो दोनों दलों को स्पष्ट बहुमत से कुछ दूर बता रहे हैं, जिसमें छोटे दलों की भूमिका बढ़ सकती है। अगर किसी को बहुमत नहीं मिलता है तो मध्य प्रदेश में बसपा और छत्तीसगढ़ में बसपा व अजीत जोगी का गठबंधन नई सरकार में निर्णायक हो सकता है। राहत की बात है कि कुछ एग्जिट पोल के मुताबिक, राजस्थान की तरह डेढ़ दशक के शासन के बाद भी ये राज्य उससे पूरी तरह खिसक नहीं रहे हैं। उसकी दोनों राज्यों में सरकार फिर से बन भी सकती है। 

सत्ता परिवर्तन का टेंड्र राजस्थान में  रहेगा कायम !

राजस्थान का एग्जिट पोल अभी तक के आम अनुमानों की तरह ही हैं और राज्य में हर बार चुनाव में सत्ता परिवर्तन का 25 साल पुराना ट्रेंड कायम रह सकता है। राजस्थान में शुरुआत से ही कांग्रेस को बढ़त मानी जा रही थी और एक्जिट पोल भी उसी का संकेत दे रहे हैं। कांग्रेस ने भी राजस्थान में सबसे ज्यादा दांव लगाया था। जहां मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भावी मुख्यमंत्री पद के दावेदार चुनाव नहीं लड़े, वहीं राजस्थान में उसने दोनों दावेदारों को चुनाव लड़ाया और उसका लाभ मिलता भी दिख रहा है। 

सब पर भारी टीआरएस !

तेलंगाना में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का समय पूर्व चुनाव कराने का दांव सफल होते दिख रहा है। तेलंगाना की भावना अभी भी राज्य निर्माण के आंदोलन से जुड़ी दिख रही है। असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम के साथ गठबंधन से सत्तारूढ़ टीआरएस को लाभ मिलता दिख रहा है और उसके सत्ता में बरकरार रहने की संभावना है। जबकि चुनाव के एक माह पूर्व कांग्रेस की अगुवाई में बना महागठबंधन प्रजा कुटुमी सत्ता में बदलाव लाता नहीं दिख रहा। 

कांग्रेस को मिजोरम में झटका

मिजोरम में सत्ता में बदलाव दिख रहा है, जो कांग्रेस के लिए झटका है। एग्जिट पोल के मुताबिक, मिजो नेशनल फ्रंट यहां बहुमत के करीब दिख रहा है। अगर ऐेसा होता है तो पहला मौका होगा जबकि पूर्वोत्तर राज्यों से कांग्रेस पूरी तरह बाहर होगी। 

पिछले चुनाव में भाजपा को मिली थी बड़ी जीत 

राजस्थान में पिछले चुनाव में भाजपा ने 163 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत हासिल किया था, जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। वहीं मध्य प्रदेश में 2013 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में भाजपा को 165 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 58 सीटें मिली थीं। वहीं छत्तीसगढ़ में भाजपा को 2013 में 49 और कांग्रेस को 39 सीटें मिली थीं।

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