उपभोक्ताओं को झटका दे गयी बिजली की दरें !

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  • बिजली की नई दरें एक अप्रैल 2019 से होंगी लागू 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। ना-ना करते भी बिजली ने उपभोक्ताओं को झटका दे ही दिया। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने बिजली की दरों में 2.79 फीसद का इजाफा कर दिया है। विभिन्न श्रेणी के करीब 22 लाख उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट 07 पैसे से 27 पैसे अधिक चुकाने होंगे। घरेलू श्रेणी की बात करें तो प्रति यूनिट औसतन 15 पैसे बढ़ाए गए हैं, जबकि व्यावसायिक श्रेणी में यह बढ़ोतरी 27 पैसे प्रति यूनिट की गई है। बिजली की नई दरें एक अप्रैल 2019 से लागू होंगी।

बुधवार को यूईआरसी अध्यक्ष सुभाष कुमार ने नई दरों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम ने 882 करोड़ रुपये की राजस्व कमी का अनुमान लगाकर जो प्रस्ताव दिया था, उसके अनुसार बिजली की दरों में 13 फीसद की बढ़ोतरी संभावित थी। हालांकि, आयोग ने तमाम स्तर पर सुनवाई करने के बाद इसे अधिक पाया और घाटे में कमी लाने के लिए फिजूल खर्चों पर कटौती करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी 177 करोड़ रुपये का राजस्व अंतर सामने आया। इस आधार पर बिजली की दरों में 2.79 फीसद बढ़ोतरी की स्वीकृति प्रदान की गई। आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि 4.50 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं को राहत देते हुए उनकी दरों में किसी भी तरह का इजाफा नहीं किया गया है। इस श्रेणी के उपभोक्ता पहले की तरह 1.61 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करते रहेंगे। साथ ही 100 यूनिट तक की बिजली फूंकने वाले करीब 43 फीसद उभभोक्ताओं पर भी कम बोझ डालने की कोशिश की गई। इस श्रेणी में प्रति यूनिट 10 पैसे बढ़ाए गए हैं।

बिजली दरों पर एक नजर (प्रति यूनिट रु० में)

श्रेणी,                वर्तमान दर,   नई दर,    इजाफा
घरेलू,                4.08,         4.23,      0.15
व्यावसायिक,    5.83,          6.10,      0.27

सरकारी,           5.31,           5.45,     0.14
ट्यूबवेल,            1.84,          1.95,      0.11

एलटी इंडस्ट्री,    5.65,         5.76,      0.11
एचटी इंडस्ट्री,     5.62,         5.79,     0.18

मिश्रित लोड,        5.09,       5.35,       0.27
रेलवे,                   5.58,        5.65,      0.07

 

पिछली दफा दरों में की गई थी कमी
पिछली दफा (अब तक लागू) बिजली की दरों में यूईआरसी ने औसतन 1.37 फीसद (सात पैसे) की कटौती की थी। हालांकि, इस दफा दरों में कमी लाने के तमाम उपायों पर मंथन के बाद भी इजाफा हुआ है।