Leakage : वेदनी बुग्याल के कुंड का भूस्खलन के कारण घट रहा जलस्तर

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  • ऐतिहासिक नंदा देवी राज जात का पहला और मुख्य पड़ाव है वेदनी बुग्याल 
  • कुंड के रख रखाव की जिम्मेदारी उठाने वाले वन विभाग ने अभी तक नहीं किया कोई प्रयास
  • भूस्खलन के चलते बीते दो वर्ष से कुंड का पानी लगातार रिसने से सिकुड़ता जा रहा है आकार 

देवाल (चमोली) : ऐतिहासिक नंदा देवी राजजात के प्रमुख पड़ाव वेदनी बुग्याल स्थित वेदनी कुंड का अस्तित्व भूस्खलन के बाद हो रहे पानी के रिसाव के चलते खतरे पड़ता जा रहा है। बीती बरसात के दौरान हुए भूस्खलन से वेदनी कुंड भूस्खलन के कारण को नुकसान पहुंचा है। इससे वेदनी कुंड की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और इससे पानी रिसने से कुंड का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस इलाके में कुंड के रख रखाव की जिम्मेदारी उठाने वाले वन विभाग ने अभी तक भूस्खलन रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। जबकि विभाग यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है कि नुकसान का आगणन तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि नंदा देवी व त्रिशूली पर्वत शृंखलाओं के बीच वाण गांव से 13 किमी की दूरी पर स्थित वेदनी बुग्याल (मखमली घास का मैदान) जो समुद्रतल से 13500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ऐतिहासिक नंदा देवी राज जात का पहला और मुख्य पड़ाव है और यहीं पर श्री नंदा देवी राजजात की पहली पूजा होती है। इतना ही नहीं देश-दुनिया के हजारों सैलानी हर साल हिमालय का सौंदर्य निहारने के लिए वेदनी बुग्याल पहुंचते हैं। जबकि इसके अलावा वेदनी बुग्याल में हर साल कुरुड़ से निकलने वाली नंदा देवी लोकजात का समापन होता है। इस दौरान यहां आयोजित मेले में हजारों श्रद्धालु व सैलानी जुटते हैं। इससे वन विभाग को भी अच्छा-खासा राजस्व मिलता है। इसी बुग्याल के बीचों-बीच लगभग 15 मीटर व्यास में फैला खूबसूरत वेदनी कुंड है । इसी कुंड में 12 साल बाद आयोजित होने वाली भूस्खलन से वेदनी कुंड में रिसाव बढ़ा है वर्तमान में भूस्खलन के चलते बीते दो वर्ष से कुंड का पानी लगातार रिसने से इसका आकार सिकुड़ता जा रहा है। बीती बरसात के दौरान भी इलाके के लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग सहित पर्यटन विभाग को भी दी थी, लेकिन दोनों ही विभाग अपने कानों में तेल डालकर अब तकसोये हुए हैं और उधर वेदनी कुंड का जलस्थर लगातार गिरता जा रहा है।

वेदनी कुंड के गिरते जल स्तर से पर्यावरण प्रेमी भी चिंतित हैं पर्यावरण प्रेमी दयाल सिंह पटवाल कहते हैं कि वेदनी कुंड का जलस्तर घटने से बुग्याली क्षेत्र की जैव विविधता भी प्रभावित होगी। उन्होंने वन विभाग से मांग की है कि कुंड के संरक्षण और बुग्याल में भूस्खलन रोकने के तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं।

वेदनी कुंड के गिरते जलस्तर से चिंतित लाटू मंदिर समिति वाण की संयोजक कृष्णा बिष्ट, ग्राम प्रधान खीमराम व हीरा पहाड़ी ने बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ को पत्र भेजा है। जिसमे कहा गया है कि कुंड के चारों ओर वर्षाकाल के दौरान भूस्खलन होने से कुंड लगातार रिस रहा है। जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कुंड अपना अस्तित्व खो बैठेगा। उधर वेदनी कुंड को लेकर जन जागरूकता को देखते हुए वन क्षेत्राधिकारी देवाल त्रिलोक सिंह बिष्ट ने आख़िरकार मान ही लिया कि वेदनी कुंड के लिए भूस्खलन खतरा बना हुआ है और इसे रोकने के लिए 50 लाख आगणन डीएफओ बदरीनाथ को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही सुरक्षा कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।