डॉ. निशंक ने दिए उत्तराखंड में पाँच अस्थायी केन्द्रीय विद्यालयों को तत्काल जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश

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मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने देहरादून में केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय, एन.आई.ओ.एस., सी.बी.एस.सी. और एन.आई.टी. के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।  केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने देहरादून में केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय, एन.आई.ओ.एस., सी.बी.एस.ई. और एन.आई.टी. के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। श्री निशंक ने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड में चल रहे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने के साथ ही विभिन्न विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाना था। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने सी.बी.एस.ई. के क्षेत्रीय कार्यालय के भवन निर्माण का शिलान्यास अगले तीन महीने में करने का आदेश दिया।

श्री निशंक ने इस अवसर पर नवोदय विद्यालय समिति के देहरादून परिसर में ऑडिटोरियम निर्माण के निर्देश दिए ताकि यह पूरे राज्य के लिए खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र बन सके। इस अवसर पर मंत्री जी ने उत्तराखण्ड में केन्द्रीय विद्यालय में हुई नियुक्तियों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि कुल 187 नियुक्तियों में से 60 प्रतिशत ने ज्वाइन किया है, जिन 40 प्रतिशत नज्वाइन नहीं किया है, उनके स्थान पर दूसरों को मौका मिलना चाहिए।

श्री निशंक ने मुख्यसचिव, उत्तराखंड से पाँच अस्थायी केन्द्रीय विद्यालयों को तत्काल जमीन उपलब्ध कराने को कहा। पता हो कि गौचर, श्रीनगर, बनबसा, हल्द्वानी और ऋषिकेश में विद्यालयों को भूमि आवंटित नहीं हुई है। इस अवसर पर श्री निशंक ने एन.आई.टी. के निदेशक और कुलसचिव को सुमाड़ी परिसर का शिलान्यास करवाकर शीघ्र निर्माण करवाने के आदेश दिए।

श्री निशंक ने कहा कि एन.आई.टी. का निर्माण क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। केंद्रीयमंत्री ने एन.आई.टी. में केन्द्रीय विद्यालय हेतु प्रस्ताव देने का आदेश दिया। उन्होंने अगस्त्यमुनि, बागेश्वर, भीमताल, गोपेश्वर, ग्वालदम, खटीमा, लोहाघाट और नई टिहरी में शीघ्र स्थायी निर्माण कार्य कराने का आदेश दिया। इसके अलावा शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए स्थानीय परिसरों को सशक्त बनाने पर भी चर्चा हुई।