आदमखोर गुलदार से अकेले भिड़ने वाली राखी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार देने की जिलाधिकारी पौड़ी ने की संस्तुति

जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने प्रमुख सचिव गृह को राखी का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरूस्कार को भेजा

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बेटी राखी की वीरता पर उत्तराखंड है गौरवान्वित : मुख्यमंत्री 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि राखी ने साहस का जो परिचय दिया वह सम्मानित होने की पात्र है। कहा कि इस संबंध में प्रमुख सचिव गृह को संस्तुति पत्र भेज दिया गया है।

पौड़ी: जिले के देवकुंडाई गांव के दलवीर सिंह रावत की पुत्री, कक्षा पाँच की छात्रा 11 वर्षीय बालिका राखी द्वारा अपने चार वर्षीय भाई राघव को गुलदार के हमले से बचाते हुए घायल होने के बाद जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल ने प्रमुख सचिव गृह उसका नाम राष्ट्रीय वीरता पुरूस्कार को भेज दिया है।

गौरतलब हो कि चौबट्टाखाल तहसील ग्राम देवकुंडई में 11 वर्षीय राखी व चार वर्षीय उसका छोटा भाई राघव चार अक्टूबर को सुबह मां के साथ खेत में गए थे। दोपहर करीब ढाई बजे राखी अपने भाई को कंधे में बैठाकर खेतों से गांव की ओर आ रही थी और उनकी माँ शालिनी उनके पीछे कुछ दूरी पर थी कि रास्ते में अचानक गुलदार ने राघव पर झपटा। यह सब देखकर राखी घबराई नहीं और गुलदार से भिड़ गई और भाई को उसके पंजे से छुड़ाकर सीने से चिपकाकर मुंह के बल लेट गई। इस पर गुलदार ने राखी पर पंजे व दांतों से कई घाव किए। लेकिन लहूलुहान होने के बाद भी उसने राघव को नहीं छोड़ा। इसी दौरान राखी मां भी वहां पहुंची और शोर मचाया, जिस पर गुलदार जंगल की ओर भाग गया।

गुलदार के हमले से बुरी तरह घायल राखी व उसके भाई राघव को ग्रामीणों द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोखड़ा ले जाया गया जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को कोटद्वार बेस अस्पताल लाया गया। इनकी हालत को देखते हुए यहां से राखी को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर किया गया जहां उनका इलाज किया गया।

घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उनके परिजनों से फोन पर बात कर बालिका राखी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य सरकार की ओर से राखी को हर तरह की मदद का भरोसा दिया गया। ठीक होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहीं मुख्यमंत्री ने राखी के पूर्ण स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि इस बालिका ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने छोटे भाई को बचाया। हम अपनी बेटी राखी की वीरता पर गौरान्वित हैं।

इस पूरे मामले में एसडीएम चौबट्टाखाल ने पूरी घटना की जानकारी जिलाधिकारी पौड़ी को भेजी जिस पर जिलाधिकारी ने 11 वर्षीय राखी के अदम्य साहस को देखते हुए उसका नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजे जाने की संस्तुति की।