लंबित परिसम्पत्तियों के बटवारें पर योगी और रावत में हुई चर्चा

0
929

गोरखपुर : उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच परिसम्पत्तियों को लेकर पिछले 17 सालों में पहली बार इतनी तेज़ी और गंभीरता से दोनों राज्यों के बीच बात की जा रही है इसका श्रेय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को तो जाता ही है, वहीँ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  भी इस मामले में काफी सक्रिय भूमिका में हैं।  रविवार की रात 30 मिनट तक दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच इस मसले पर एक बार फिर वर्षो से लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे पर चर्चा हुई। वहीँ दूसरी तरफ दिल्ली में भी दोनों राज्यों के मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों की बैठक की भी चर्चा हुई। इस बातचीत में तय हुआ कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के अलग होने के बाद दोनों राज्यों के मध्य परिसम्पत्तियों के बंटवारे के मसले का जल्द सुलझा लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर एयरपोर्ट से पहुंचे थे। उन्होंने गुरु गोरखनाथ पूजा अर्चना के पश्चात अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर पूजा अचर्ना कर आशीर्वाद ग्रहण किया। उसके बाद अपने कार्यालय के प्रथम तल पर स्थित अतिथि कक्ष में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने के लिए पहुंच गए। इसी कक्ष में उन्होंने स्वयं भी जलपान किया और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का कुशल-क्षेम पूछा।

बैठक के बीच उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच विवाद का कारण बने हरिद्वार के अलकनंदा होटल पर भी चर्चा हुई। हालांकि दोनों राज्यों के मध्य इस पर सहमति बन चुकी है। इस संबंध में भारत सरकार के आदेश का अनुपालन किया जाएगा। सदन रहे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर ही दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठक रविवार को दिल्ली में हुई जिसमें बंटवारे पर अंतिम निर्णय लिया जाना था।

दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच इस बैंठक को लेकर भी चर्चा हुई। रविवार की इस मुलाकात को जोड़ ले दो योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ इन मसलों पर यह तीसरी मुलाकात है। उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच कई संम्पतियां यानी गेस्टहाउस, नदियां, बांध जैसी कई जगहों को लेकर विवाद है।

इन परिसम्पत्तियों पर है उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बीच विवाद ?

  • 36 नहरें, 2 गेस्ट हाउस और 214 हैक्टेयर भूमि उत्तराखंड को सुपुर्द करनी है।
  • यूपी से उत्तराखंड को सिंचाई विभाग के 266 आवास मिलने हैं।
  • लखनउ स्थित परिवहन मुख्यालय और दिल्ली स्थित आवास गृह में शेयर लंबित है।
  • दोनों राज्यों के बीच आवास विकास विभाग की सम्पत्ति और संबधित ऋण की देनदारी लंबित है।
  • उत्तरप्रदेश औदयोगिक विकास निगम, बहुदेशीय वित्त निगम, गृह और पर्यटन और बिजली विभाग आदि की परिसम्पत्तियों पर विवाद है।
  • हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में स्थित नहर, बांध और भवन पर विवाद है।
  • कई नहरें ऐसी भी हैं जो उत्तराखंड में शुरू होकर उत्तराखण्ड की सीमा में खत्म होती है लेकिन यूपी का नियंत्रण है।
  • यूपी के रिवाल्विंग फंड में जमा रकम पर उत्तराखंड की जिला पंचायतों को ब्याज नहीं मिल रहा है।