सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने तथा आबादी व बसावटों में वृद्धि पर विचार विमर्श

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सीमान्त क्षेत्रों में रिक्त पदों यथा चिकित्सकों और अन्य को  भरने के निर्देश 

पीएमजीएसवाई के माध्यम से असेवित क्षेत्रों की जनसंख्या सम्बन्ध मानकों में शिथिलता का प्रस्ताव

ग्राम्य विकास की योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं कृषि व सम्वर्गीय विभागों की जानकारी देने के निर्देश 

हिलांश ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक लोकप्रिय बनाने पर विचार 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखण्ड राज्य के सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने तथा आबादी व बसावटों में वृद्धि हेतु सुरक्षा परिषद सचिवालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा की गई अपेक्षा के अनुसार कार्य योजना बनाने विषयक बैठक मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। राज्य के सीमांत जनपदों यथा जनपद-उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत, तथा उधमसिंहनगर के सीमान्त व सुदूरवर्ती विकासखण्डों-भटवाड़ी, जोशीमठ, कनालीछीना, मूनाकोट, मुनस्यारी, धारचूला, लोहाघाट, चम्पावत तथा खटीमा में विशेष रूप से कार्य किए जाने हेतु कार्ययोजनाएं तैयार करने पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में राज्य में आम जनमानस को बेहतर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने, दुर्गम एवं सीमान्त क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन को रोकने, पहाड़ों/विशेष की पहचान एवं संस्कृति को संरक्षित करने हेतु सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चिकित्सा विभाग, लोक निर्माण विभाग, विद्यालयी शिक्षा तथा ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपने-अपने विभाग के प्रस्तुतीकरण दिया गया।

मुख्य सचिव द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान सीमान्त क्षेत्रों में रिक्त पदों यथा चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, ए.एन.एम, आशा कार्यकर्ती एवं सहायिकाओं की तत्काल भर्ती पदस्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। सभी चिकित्सालयों/चिकित्सा केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयॉ, उपकरण, एम्बुलेन्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।

मुख्य सचिव ने आवश्यकतानुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना करने, नीति घाटी तथा दारमा घाटी में चिकित्सा सुविधाओं को प्राथमिकता देने, सीमान्त जनपदों के चिन्हित विकासखण्डों में विशेष सुविधा यथा-आवासीय सुविधा अथवा भत्ता प्रदान किये जाने पर विचार किया। सीमान्त क्षेत्रों मे समय-समय पर मेडिकल कैम्प आयोजित करने, सीमान्त क्षेत्रों में  BADP के अन्तर्गत चिकित्सा भवनों, आवासीय भवनों, उपकरण तथा दवाईयों हेतु प्रस्ताव तैयार करने, उनके रूटस/पहुॅच मार्गों की  GIS mapping करने, टैलीमेडिसन, टैलीरेडियोलॉजी, एफ.आर.यू. एवं सन्दर्भण सेवाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिये, कि विभाग  Gap Analysis, के माध्यम से  infrastructure, Residential buildings, CHC/PHC, Equipments, Medicines, Special disease, Vacination rate, OPD/IPD facility feedback, Doctors/Para-medical staff biometric attendance आदि के सम्बन्ध में 15 दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराये।

Opd/IPD में मरीजों की संख्या के सापेक्ष चिकित्सकों के संख्या का अनुपात सुनिश्चित किये जाने, उच्च हिमालयी क्षेत्रों अथवा हिमाच्छादित क्षेत्रों में प्रवास कर रही आबादी का सम्पूर्ण वर्ष में चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

बैठक में चर्चा के दौरान पीएमजीएसवाई के माध्यम से असेवित क्षेत्रों की जनसंख्या सम्बन्ध मानकों में शिथिलता प्रदान किये जाने हेतु औचित्य पूर्ण प्रस्ताव विचारार्थ प्रस्तुत करने, स्वीकृत किये गये मार्गों के निर्माण हेतु धनराशि की उपलब्धता हेतु पीएमजीएसवाई के  Ist Phase के कार्यों हेतु राज्य योजना से धनराशि व्यय कर कार्य प्रारम्भ करने, सीमान्त क्षेत्रों में मार्गों को जोड़ने हेतु पुलों के निर्माण का भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिये गये। सीमान्त क्षेत्रों में अवस्थित ग्रामों में समस्त अवस्थापना सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर सन्तृप्त करने के निर्देश दिये गये।

सीमान्त क्षेत्रों में समय-समय पर ग्राम्य विकास की योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं कृषि व सम्वर्गीय विभागों की जानकारी/नवीनतम तकनीक संबंधी कैम्प आयोजित करने, सीमान्त क्षेत्रों में अवस्थित अवस्थापना सुविधाओं एवं उनके रूटस/पहुंच मार्गों की  GIS mapping करने, आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण एवं मरम्मत एवं ग्रामों में आन्तरिक मार्गों का निर्माण/मरम्मत (पारम्परिक स्वरूप अर्थात पत्थर से निर्मित पगडण्डियां) BADP के अन्तर्गत सुनिश्चित कराने, हिलांश ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक लोकप्रिय बनाने हेतु जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट, नई दिल्ली एवं मुम्बई स्थित उत्तराखण्ड सदन में ऑउटलेट्स स्थापित किये जाने के निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिये गये। ग्रोथ सेन्टर में किवी तथा उच्च हिमालयी सेब की प्रजाति के सम्बन्ध में कार्य करने, विभाग  Gap Analysis के माध्यम से  infrastructure, Residential buildings, various community centers, sanitations & Staff biometrics attendance आदि के सम्बन्ध में 15 दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।