विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के संक्रमण के एक करोड़ 60 लाख मामलों और छह लाख 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत होने की पुष्टि की
कोविड-19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को गुरुवार 30 जुलाई, को छह महीने पूरे हो जाएंगे
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 अब तक की सबसे गम्भीर स्वास्थ्य आपदा के रूप में उभरकर सामने आई है और यह अनेक देशों में अब भी तेज़ी से फैल रही है। विश्वभर में मौजूदा हालात पर चर्चा के लिये यूएन एजेंसी ने इस सप्ताह गुरुवार को अन्तराष्ट्रीय आपात समिति की बैठक बुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के संक्रमण के एक करोड़ 60 लाख मामलों और इस महामारी से छह लाख 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि कोविड-19 को अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को गुरुवार, 30 जुलाई, को छह महीने पूरे हो जाएँगे।
30 जनवरी को जब स्वास्थ्य आपदा की घोषणा की गई थी तब चीन से बाहर संक्रमण के 100 से भी कम मामले थे और किसी संक्रमित व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी।
“यह छठी बार है जब अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों के तहत वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित की गई है लेकिन यह अब तक की सबसे गम्भीर आपदा है।”
“महामारी अब भी तेज़ी से फैल रही है. पिछले छह हफ़्तों में कुल मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।”
"As we mark 6 months since the declaration of the global health emergency, the #COVID19 pandemic is illustrating that health is not a reward for development, it’s the foundation of social, economic and political stability"-@DrTedros
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के संक्रमण के एक करोड़ 60 लाख मामलों और छह लाख 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत होने की पुष्टि की कोविड-19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को गुरुवार 30 जुलाई, को छह महीने पूरे हो जाएंगे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 अब तक की सबसे गम्भीर स्वास्थ्य आपदा के रूप में उभरकर सामने आई है और यह अनेक देशों में अब भी तेज़ी से फैल रही है। विश्वभर में मौजूदा हालात पर चर्चा के लिये यूएन एजेंसी ने इस सप्ताह गुरुवार को अन्तराष्ट्रीय आपात समिति की बैठक बुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के संक्रमण के एक करोड़ 60 लाख मामलों और इस महामारी से छह लाख 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया कि कोविड-19 को अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को गुरुवार, 30 जुलाई, को छह महीने पूरे हो जाएँगे। 30 जनवरी को जब स्वास्थ्य आपदा की घोषणा की गई थी तब चीन से बाहर संक्रमण के 100 से भी कम मामले थे और किसी संक्रमित व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी। “यह छठी बार है जब अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों के तहत वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित की गई है लेकिन यह अब तक की सबसे गम्भीर आपदा है।”“महामारी अब भी तेज़ी से फैल रही है. पिछले छह हफ़्तों में कुल मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।”उन्होंने कहा कि इस महामारी पर क़ाबू पाने के लिये कुछ मुश्किल फ़ैसले लेने होंगे ताकि हर किसी के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके. “वैसे तो हमारी दुनिया बदल गई है लेकिन जवाबी कार्रवाई के बुनियादी स्तम्भ नहीं बदले हैं, राजनैतिक नेतृत्व, समुदायों को सूचना देना, उनसे सम्पर्क व बातचीत करना और उनकी बात सुनना। और ना ही संक्रमण को दबाने व ज़िन्दगियाँ बचाने के बुनियादी उपाय बदले हैं: पता लगाना, संक्रमित व्यक्ति को एकान्तवास में रखना, टेस्ट और संक्रमितों की देखभाल करना, और उनके सम्पर्क में आए लोगों को खोजकर उन्हें भी अलग रखना।”उन्होंने स्पष्ट किया कि कोविड-19 पर नियन्त्रण करने के लिये कोई एक उपाय पर्याप्त नहीं है, इसलिये उन्होंने लोगों से एक दूसरे से दूरी बरतने, हाथ धोने, भीड़भाड़ भरे और बन्द स्थानों में जाने से बचने और मास्क का इस्तेमाल करने की अहमियत को दोहराया है।यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने कम्बोडिया, न्यूज़ीलैण्ड, रवाण्डा, थाईलैण्ड, वियतनाम और पैसिफ़िक व कैरीबियाई देशों का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन देशों ने संक्रमण पर क़ाबू पाने के लिए सावधानीपूर्वक क़दम उठाए और बड़े पैमाने पर फैलाव को रोक दिया।कोरोना वायरस के व्यापक स्तर पर संचारण की रोकथाम के लिये कनाडा, चीन, जर्मनी और कोरिया गणराज्य द्वारा उठाए गए क़दमों की भी प्रशंसा की गई है।अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों के तहत स्वास्थ्य संगठन की आपात समिति की इस हफ़्ते बैठक बुलाई जाएगी और माहमारी से उपजे हालात पर विचार-विमर्श होगा। यूएन एजेंसी के आपात मामलों के प्रमुख डॉक्टर रायन ने कहा कि सख़्त पाबन्दियाँ लागू करने जैसे उपाय फिर लागू करने से बचने के लिये यह ज़रूरी है कि सरकारें कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिये केन्द्रित व समन्वित उपाय करें।उन्होंने कहा कि कोविड-19 से लड़ाई इस तरह लड़नी होगी, जिस तरह मरीज़ों को फ़ायदा पहुँचाने के लिये सर्जरी के दौरान कुछ ख़ास औज़ारों का इस्तेमाल किया जाता है।“यह समझा जा सकता है कि जो कोई भी देश तालाबन्दी से गुज़रा है वो फिर वहाँ वापस नहीं जाना चाहता है, इसके व्यापक आर्थिक व अन्य परिणाम हैं। अगर आप संक्रमण के फैलाव की गतिशीलता को सटीकता से समझ सकें तो आप अपनी जवाबी कार्रवाई में भी एकदम सही हो सकते हैं।”“यह सर्जरी जैसी स्थिति ही है, अगर आप उन लोगों के बारे में सोचें जिनकी मस्तिष्क सर्जरी होती है, सर्जन अक्सर माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे बेहद सूक्ष्म स्तर पर काम कर सकें, और हमने देखा है कि मस्तिष्क सर्जरी के बाद बचने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, क्योंकि हम बेहद सटीक ढँग से सर्जरी कर सकते हैं।”
— World Health Organization (WHO) (@WHO) July 27, 2020