कोर्ट ने किया हरिद्वार के डीएम दीपक रावत के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज!

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हरिद्वार । गंगा नदी में प्रदूषण और खनन को लेकर बीते एक दशक से आंदोलन कर रहे मातृ सदन के एक पुजारी ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने हरिद्वार के जिलाधिकारी पर अपने गनर के साथ 25 दिसम्बर को कमरे में बंद कर मार—पीटकर बेहोश करने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए जिलाधिकारी रावत सहित उनके गनर पर हरिद्वार न्यायालय ने ब्रह्मचारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है।

देवभूमि मीडिया डॉट कॉम से  बात करते हुए मात्र सदन के स्वामी दयानन्द ने बताया कि 25 दिसम्बर को डीएम दीपक रावत और उनके गार्ड ने स्वामी आत्मबोधानंद के साथ जमकर मार पिटाई की थी जिसके चलते स्वामी को गंभीर चोटे आयी, यहाँ तक की उनकी बचने की भी उम्मीद नहीं जताई जा रही थी। जिसके सम्बन्ध में बीते मंगलवार को हरिद्वार सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया। स्वामी दयानन्द ने  जानकारी देते हुए बताया कि मातृसदन द्वारा डीएम के खिलाफ मार पीटकर बेहोश करने, धार्मिक भावनाएं आहत करने और हत्या का प्रयास सहित 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की सुनवाई 27 जनवरी को एसीजेएम कोर्ट में होगी।

स्वामी दयानन्द ने बताया कि मातृसदन द्वारा घटना के बाद ही सूबे के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव समेत गढ़वाल कमिश्नर को पत्र के जरिये घटना की जानकारी दी गयी थी, बावजूद उसके उस पर कोई कारवाही नहीं की गयी। जिसके चलते मातृसदन ने बीते मंगलवार को सीजीएम कोर्ट हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कराया।

उनके अनुसार जिलाधिकारी दीपक रावत पर धार्मिक भावनाएं आहत करने, हत्या का प्रयास आदि समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा अधिवक्ता अरुण भदौरिया द्वारा दर्ज कराया गया है। आईपीसी की धारा 201, 295, 298, 323, 324, 325, 326, 307, 341 एवं 342 के तहत सीजीएम कोर्ट में जिलाधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की इसी महीने 27 जनवरी को इस मामले में सुनवाई होगी।

ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने अपने आरोप में कहा है कि जिलाधिकारी दीपक रावत उन्हें अपने सहायक गनर के साथ एक वीआईपी सभागार के कमरे में ले गया और उन्हें बुरी तरह पीटा गया। बताया जाता है कि संत ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद उत्तराखंड में अवैध खनन का विरोध कर रहे थे।

25 दिसंबर को रिशीकुल आॅडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में डीएम दीपक रावत को सम्मानित किया जा रहा था। इसी दौरान मातृ सदन के सदन आत्मबोधानंद ने स्टेज पर पहुंचकर इस सम्मान का विरोध किया था। इस मामले में आत्मबोधानंद का कहना है कि उन्होंने स्टेज पर पहुंचकर सिर्फ इतना पूछा था कि दीपक रावत ने ऐसा डीएम रहते क्या किया है, जिसके लिए संस्था उन्हें सम्मानित कर रही है।

हालांकि दीपक रावत द्वारा ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद द्वारा लगाए गए आरोपों का सिरे से खंडन करने हुए कहा है कि यह उनके खिलाफ साजिश है।